डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी आरा के पकड़ी स्थित टेंपरोरी भवन में चल रहे ट्रैफिक थाना को अपना भवन मयस्सर नहीं हो सका है। जिन अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों की बदौलत भोजपुर जिले की ट्रैफिक व्यवस्था है, उनके पास अपना भवन तक नहीं है। जहां वे कार्य कर सकें, वाहनों को जब्त करके रख सके। टाउन थाना क्षेत्र के धरहरा पुलिस चौकी के पास स्थल चिन्हित होने के बावजूद कागजात में पेंच फंसने की वजह से अभी तक ट्रैफिक भवन का निर्माण नहीं कराया जा सका। जिसके कारण जर्जर भवन में कार्य करने के लिए यातायात थाना के अधिकारी व जवान विवश हैं। पकड़ी चौक के समीप नवादा थाना का टीओपी चलता था। समय के साथ यहां बदलाव हुआ और यहां टीओपी की उपयोगिता नहीं रही। जिसके बाद यह भवन जर्जर होने लगा। लगभग दो साल पहले मुख्यालय से आए आदेश के बाद ट्रैफिक थाना अलग कर दिया गया। इस ट्रैफिक थाने की कमान डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई। इसके बाद 24 जुलाई 2018 को टेंपरेरी ट्रैफिक थाने का उद्घाटन तत्कालीन एसपी अवकाश कुमार ने किया था।

यातायात थाने के लिए दो स्थलों चयन होने से निर्माण का मामला पड़ा खटाई में

पकड़ी में टेंपरोरी भवन में चल रहा यातायात थाना।

खाता-खेसरा में नाम अलग-अलग होने से फंसा निर्माण का पेंच

सिटी रिपोर्टर | आरा

टाउन थाना क्षेत्र के धरहरा पुलिस चौकी के पास जगह काफी पहले चयनित कर ली गई थी। पर, कागजात तैयार करने के दौरान जगह तो धरहरा लिखा गया। लेकिन, खाता-खेसरा में एक और स्थल गांगी के समीप डिपो का जिक्र किया गया। सूत्रों के अनुसार दोनों स्थलों का चयन कर मुख्यालय को सूचित भी कर दिया गया। एक जगह का निर्धारण नहीं होने एवं खाता-खेसरा तथा स्थल का नाम अलग-अलग होने के कारण इस योजना को धरातल पर नहीं उतारा जा सका। ट्रैफिक का भवन बनने का सपना अधूरा लगने लगा। बाद में तत्कालीन ट्रैफिक इंस्पेक्टर निर्मल कुमार के नेतृत्व में पुलिस विभाग के जेई ने दोनों स्थलों पर जांच करने पहुंचे तो पता लगा कि गांगी के समीप डिपो का जो खाता-खेसरा लिखा गया था,दरअसल वह गलत था। फिर एसपी व अधिकारियों से वार्ता कर पूरी वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया। अंततः अधिकारियों ने धरहरा पुलिस चौकी के पास वाली जमीन डिसाइड की। लगभग 4 महीने पहले जमीन माफी कराने के बाद फिर से पटना मुख्यालय को ट्रैफिक खाना बनाने का प्रस्ताव भेजा गया। जिस पर हरी झंडी मिल गई पर निर्माण शुरू नहीं हो सका।

थाना बनने से पुलिसकर्मियों की समस्याएं दूर हांेगी

भोजपुर के पहले ट्रैफिक डीएसपी रूपेश कुमार वर्मा ने कहा कि जिला मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। 2020 में ट्रैफिक थाना बनकर तैयार होगा, तब जो समस्याएं आ रही है। जैसे जब्त वाहन को रखने के लिए समस्या खड़ी हो रही है, कमरा की कमी की जो समस्या है वह भी दूर हो जाएगा। ट्रैफिक के लिए कुछ पुलिसकर्मियों, संसाधनों के साथ वाहनों की आवश्यकता है।

अब ट्रैफिक थाने में दर्ज होने लगे हैं एक्सीडेंटल केस भी

ट्रैफिक थाना अलग होने से चुनौतियां भी बढ़ी है। पहले एसपी स्तर से इसकी मॉनिटरिंग होती थी। लेकिन अब इसका अलग थाना खुल गया। अब ट्रैफिक थाने में एक्सीडेंटल केस दर्ज होने लगे हैं। ऐसे में अधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्य करने का बोझ बढ़ रहा है। पकड़ी गई गाड़ियां कहां रखी जाएंगी। आरोपी को रखा जाएगा। इस पर असमंजस बना रहता है।



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Ara News - traffic station running in the caretaker building is trapped in the documents only

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