अकबरपुर (नवादा) .जिले की महिलाएं रह-रहकर रूढी को तोड़कर मिशाल कायम कर रही है। अकबरपुर के पांती में एक ऐसा ही साहसिक मिसाल देखने को को मिली जहां वृद्ध ससुर के निधन के बाद चार बहुओं ने शव को कंधा दिया। मामला पांती का है जहां सरपंच के ससुर नकुल पंडित का निधन हुआ। निधन के बाद उनकी बहुओं ने उनके अर्थी को कंधा दिया। परिवर्तन के इस कदम में शामिल एक बहु सरपंच भी है। आम तौर पर अर्थी को पुरुष ही कंधा देते है। लेकिन समाज के इसी मिथक को तोड़ते हुए जब चार बहुओं ने अपने ससुर के निधन पर अर्थी को कंधा दिया तो सबकी आंखें नम हो गई।

समाज को एक संदेश देने की कोशिश
ससुर की अर्थी को कंधा देने वाली महिला सरपंच शारदा देवी ने कहा कि अर्थी को कंधा देने का का मकसद समाज को यह संदेश देना था कि किसी काम पर पुरुषों का एकाधिकार नहीं है। शव यात्रा सुबह नौ बजे निकली तो बहू शारदा देवी ,रेखा देवी, बिंदु देवी, पूनम देवी, गुड़िया देवी, सुलेखा देवी के साथ नदी किनारे पहुंचकर रीति रिवाज से दाह संस्कार किया गया।

समाजिक सारोकारों से जुड़े थे नकुल
मृतक नकुल पंडित समाजिक सारोकारों से जुड़े व्यक्ति थे। वह पांती पंचायत में स्थापित होने वाले दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष भी रहे। बुधवार को अचानक ठंड से उनकी तबीयत बिगड़ गई। इलाज के लिए उन्हें अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया तब डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस सूचना के बाद उनके चाहने वाले शोकाकुल हैं।



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कबरपुर कंधा देती महिलाएं।

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