माता मंझारो अजब दयाल सिंह टीचर्स ट्रेनिग कॉलेज, दुलौर के एमएड के विद्यार्थियों ने शुल्क अधिक लेने का आरोप कॉलेज प्रबंधन पर लगाया है। एमएड सत्र 2017-19 विद्यार्थी प्रमोद कुमार राय, मनोरंजन कुमार, अनिता कुमारी सहित अन्य विद्यार्थियों ने बताया कि प्रति सेमेस्टर हमलोगों से 15 हजार रूपया अधिक शुल्क लिया जा रहा है। साथ ही परीक्षा फार्म के नाम पर भी मनमाना राशि वसूली जा रही है। शुल्क नहीं देने पर परीक्षा फार्म नहीं भरने की धमकी दी जा रही है। छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ केके सिंह को विद्यार्थियों ने ज्ञापन देकर न्याय का गुहार लगाया। कहा कि कॉलेज शुल्क को लेकर मनमानी कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा जो शुल्क का विवरण दिया गया है। उससे अधिक राशि वसूली जा रही है। पूर्व में भी शिकायत विश्वविद्यालय के अधिकारियों से किया गया था। परन्तु कॉलेज प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं हुआ। उन लोगों ने बताया कि पहले सेमेस्टर का शुल्क 34 हजार, दूसरे व तीसरे सेमेस्टर का शुल्क 21-21 हजार एवं चौथे सेमेस्टर का शुल्क 22 हजार रूपया विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा निर्धारित किया गया है। इसके बावजूद प्रति सेमेस्टर विद्यार्थियों से कॉलेज के विकास के नाम पर 15 हजार रुपए अधिक शुल्क वसूले जा रहे है। जिसका रसीद विद्यार्थियों को नहीं दिया जा रहा है। परीक्षा फार्म के नाम पर पहले सेमेस्टर में 5 हजार, दूसरे सेमेस्टर में 2 हजार, तीसरे एवं चौथे सेमेस्टर डेढ़ हजार रूपया तक की राशि ली जा रही है।
अधिक शुल्क वसूली मामले पर कॉलेज से मांगा जाएगा जवाब
बेतहाशा शुल्क लिए जाने के मामले पर छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ केके सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों की शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है। कॉलेज को पत्राचार कर इस संदर्भ में जवाब मांगा जाएगा।
डायरेक्टर बोले- छात्र जहां भी चाहें आवेदन देें, लेना-देना नहीं
शुल्क ज्यादा लेेने के मामले पर डायरेक्टर मधेश्वर सिंह ने कहा कि यदि विद्यार्थी छात्र कल्याण अध्यक्ष के पास आवेदन देते है तो देने दीजिए। उससे क्या लेना-देना है।
मधेश्वर सिंह, डायरेक्टर
एक अप्रैल से शुरू होगा प्री-पीएचडी का कोसवर्क, वर्ष 2009 रेगुलेशन के तहत नामांकन लेने वाले छात्रों को भी मिलेगा मौका
आरा| वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में सेंट्रलाइज्ड प्री-पीएचडी का कोर्स वर्क एक अप्रैल से शुरू होगा। इसकी कवायद तेज कर दी गयी है। छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ केके सिंह ने बताया कि इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दिया जाएगा। प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हुए 271 विद्यार्थी सहित नेट/जीआएफ संबंधित अभ्यर्थी जिसने पंजीयन कराया है, उसका कोर्सवर्क एक साथ कराया जाएगा। साथ ही वर्ष 2009 रेगुलेशन के तहत नामांकन लेने वाले वैसे विद्यार्थी जिनका कोर्सवर्क किसी कारणवश नहीं हो पाया है। उन विद्यार्थियों को भी कोर्सवर्क करने का मौका दिया जाएगा। कोर्स के लिए बाहर से एक्सपर्ट भी बुलाए जाएंगे। ताकि विद्यार्थियोंं को बेहतर शिक्षा दी जा सके। उन्होंने बताया कि सही ढंग से पीएचडी करने के लिए कोसवर्क की अहम भूमिका होती है। कोसवर्क में शोध के सिद्धांत के बारे में बताया जाता है। कैसे शोधार्थी कोसवर्क करेंगे। लाइब्रेरी एवं फिल्ड का इस्तेमाल कैसे किया जाए सहित अन्य बातों की जानकारी इसके अंतर्गत दी जाती है। छह महीने के कोसवर्क में संभावित: चार महीना शोध के सैद्धांतिक के बारे में बताया जाता है। दो महीने कम्प्यूटर से संबंधित शिक्षा दी जाती है। गौरतलब हो कि प्री-पीचडी की प्रवेश परीक्षा एवं इंटरव्यू में सफल विद्यार्थियों को 22 फरवरी तक पंजीयन कराने का आदेश जारी किया गया था।
कोर्सवर्क करने से विद्यार्थियों को होगा लाभ
दर्शनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ किस्मत कुमार सिंह ने बताया कि कोर्सवर्क नहीं कराने से पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को काफी परेशानी होती थी। शोधार्थी को पत्ता नहीं चलता था कि वे कहां से पीएचडी की पढ़ाई शुरू करे। पीएचडी पूरा करने में शोधार्थियों को अधिक समय लग जाता था। कोर्सवर्क करने से विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा।
एमएड में शुल्क अधिक लेने को लेकर डीडब्ल्यू से गुहार लगाते विद्यार्थी।
नाराज छात्र बोले- परीक्षा फॉर्म भरने के नाम पर कॉलेज कर रहा है अवैध वसूली
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय।
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