कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल एशिया की आर्थिक विकास दर शून्य रह सकती है। यदि ऐसा हुआ तो यह पिछले 60 साल का सबसे खराब प्रदर्शन होगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह आशंका व्यक्त की है। साथ ही कहा है कि गतिविधियों के संदर्भ में अन्य क्षेत्रों की तुलना में एशिया अभी भी बेहतर स्थिति में है। फिर भी इस महामारी का एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गंभीर असर होगा।
60 साल की सबसे खराब स्थिति
आईएमएफ के मुताबिक एशिया की आर्थिक विकास दर वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 4.7% और एशियाई वित्तीय संकट के दौरान 1.3% थी। शून्य विकास दर करीब 60 साल की सबसे खराब स्थिति होगी। बहरहाल, अब भी एशिया क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर कर सकता है। आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि सदस्य देश मदद की भारी मांग कर रहे हैं। अप्रत्याशित तरीके से 189 सदस्य देशों में से 102 देश अब तक मदद की मांग कर चुके हैं। आईएमएफ बतौर कर्ज एक लाख करोड़ डॉलर (76 लाख करोड़ रुपए) की वित्तीय मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुनिया के 170 देशों में प्रति व्यक्ति आय घट सकती है
आईएमएफ प्रमुख ने कहा, यह ऐसा संकट है जो पहले कभी नहीं देखा गया। इस महामारी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था 1930 दशक की महामंदी के बाद के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है। वैश्विक जीडीपी में 3% की गिरावट आ सकती है। तीन महीने पहले हमारा आकलन था कि हमारे सदस्य देशों में से 160 देशों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी, लेकिन अब 170 देशों में प्रति व्यक्ति आय में गिरावट की आशंका है। यह इतिहास में पहला मौका है जब विशेषज्ञ आईएमएफ को बता रहे हैं कि यह वायरस लंबे समय तक कहर ढाता रहा या टीका और दवा के विकास में देरी हुई तो हालात और खराब हो सकते हैं।
चीन की विकास दर 1.2% पर सीमित होने की आशंका
आईएमएफ के अनुसार, एशिया के दो बड़े व्यापारिक भागीदार अमेरिका और यूरोप में क्रमश: 6% और 6.6% की गिरावट के अनुमान है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी 2019 के 6.1% से गिरकर 1.2% पर आ सकती है। कोरोना के कारण एशिया में उत्पादकता में भारी गिरावट आ सकती है। चीन ने जीडीपी के 8% के बराबर के राहत उपाय किए थे। इससे 2009 के वैश्विक संकट के समय चीन की विकास दर 9.4% रही थी। इस बार उस स्तर के राहत उपायों की उम्मीद नहीं है।
दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ दर्ज करेगा भारत: आईएमएफ
विकसित और विकासशील देशों की इकोनॉमी में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी। लेकिन भारत और चीन में विकास दर पॉजिटिव रहेगी। चीन की विकास दर का अनुमान 1.2% और भारत की विकास दर सबसे ज्यादा 1.9% रह सकती है। 2021 में चीन 9.2% और भारत 7.4% की दर से विकास कर सकता है। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक चांग योंग री ने कहा कि आर्थिक मंदी के बावजूद सरकार ने देशव्यापी बंद लागू किया। हम भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं। हमें इस साल के अंत तक आर्थिक गतिविधि में उछाल आने की उम्मीद है, क्योंकि चीन सबसे पहले इस विषाणु से उबरता हुआ दिख रहा है।
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कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल एशिया की आर्थिक विकास दर शून्य रह सकती है। यदि ऐसा हुआ तो यह पिछले 60 साल का सबसे खराब प्रदर्शन होगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह आशंका व्यक्त की है। साथ ही कहा है कि गतिविधियों के संदर्भ में अन्य क्षेत्रों की तुलना में एशिया अभी भी बेहतर स्थिति में है। फिर भी इस महामारी का एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गंभीर असर होगा।
60 साल की सबसे खराब स्थिति
आईएमएफ के मुताबिक एशिया की आर्थिक विकास दर वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 4.7% और एशियाई वित्तीय संकट के दौरान 1.3% थी। शून्य विकास दर करीब 60 साल की सबसे खराब स्थिति होगी। बहरहाल, अब भी एशिया क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर कर सकता है। आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि सदस्य देश मदद की भारी मांग कर रहे हैं। अप्रत्याशित तरीके से 189 सदस्य देशों में से 102 देश अब तक मदद की मांग कर चुके हैं। आईएमएफ बतौर कर्ज एक लाख करोड़ डॉलर (76 लाख करोड़ रुपए) की वित्तीय मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुनिया के 170 देशों में प्रति व्यक्ति आय घट सकती है
आईएमएफ प्रमुख ने कहा, यह ऐसा संकट है जो पहले कभी नहीं देखा गया। इस महामारी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था 1930 दशक की महामंदी के बाद के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है। वैश्विक जीडीपी में 3% की गिरावट आ सकती है। तीन महीने पहले हमारा आकलन था कि हमारे सदस्य देशों में से 160 देशों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी, लेकिन अब 170 देशों में प्रति व्यक्ति आय में गिरावट की आशंका है। यह इतिहास में पहला मौका है जब विशेषज्ञ आईएमएफ को बता रहे हैं कि यह वायरस लंबे समय तक कहर ढाता रहा या टीका और दवा के विकास में देरी हुई तो हालात और खराब हो सकते हैं।
चीन की विकास दर 1.2% पर सीमित होने की आशंका
आईएमएफ के अनुसार, एशिया के दो बड़े व्यापारिक भागीदार अमेरिका और यूरोप में क्रमश: 6% और 6.6% की गिरावट के अनुमान है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी 2019 के 6.1% से गिरकर 1.2% पर आ सकती है। कोरोना के कारण एशिया में उत्पादकता में भारी गिरावट आ सकती है। चीन ने जीडीपी के 8% के बराबर के राहत उपाय किए थे। इससे 2009 के वैश्विक संकट के समय चीन की विकास दर 9.4% रही थी। इस बार उस स्तर के राहत उपायों की उम्मीद नहीं है।
दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ दर्ज करेगा भारत: आईएमएफ
विकसित और विकासशील देशों की इकोनॉमी में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी। लेकिन भारत और चीन में विकास दर पॉजिटिव रहेगी। चीन की विकास दर का अनुमान 1.2% और भारत की विकास दर सबसे ज्यादा 1.9% रह सकती है। 2021 में चीन 9.2% और भारत 7.4% की दर से विकास कर सकता है। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक चांग योंग री ने कहा कि आर्थिक मंदी के बावजूद सरकार ने देशव्यापी बंद लागू किया। हम भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं। हमें इस साल के अंत तक आर्थिक गतिविधि में उछाल आने की उम्मीद है, क्योंकि चीन सबसे पहले इस विषाणु से उबरता हुआ दिख रहा है।
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