डीएम ने अस्पताल प्रबंधन के साथ की बैठक, बनाई रणनीति, दिए कई निर्देश
पूर्वी बिहार के सबसे बड़े मेडिकल काॅलेज अस्पताल (मायागंज) को कोरोना विशेष अस्पताल बनाने की तैयारी शुरू हो गई। यहां फिलहाल सामान्य मरीजों का इलाज नहीं होगा। भागलपुर, कोसी और पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों के कोरोना मरीजों का यहां इलाज होगा। सामान्य और अन्य गंभीर मरीजों का इलाज सदर अस्पताल में होगा। इसके लिए सदर अस्पताल को अपग्रेड किया जाएगा। यहां सिटी स्कैन और किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा भी मिलेगी। मायागंज के डॉक्टर भी यहां इलाज करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशाेर ने कमिश्नर वंदना किनी को इसका निर्देश दिया है। दो-तीन दिनों में इसकी पूरी व्यवस्था होगी। निर्देश के बाद मायागंज अस्पताल प्रबंधन ने सदर अस्पताल में तैनात होने वाले डॉक्टरों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। अब मंगलवार को कमिश्नर किनी शाम चार बजे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ बैठक करेंगी। इसमें मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरीजों को वर्द्धमान अायुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी नालंदा भेजने की प्रक्रिया पर चर्चा करेंगी।
8 घंटे बंद रहा अस्पताल तो भटकने लगे मरीज
इधर, सोमवार सुबह 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक मायागंज अस्पताल बंद कर दिया गया। गेट पर नोटिस लगा दिए गए। इसमें लिखा गया कि अब यहां कोरोना मरीजों का ही इलाज होगा। महज पांच मरीजों का इमरजेंसी में इलाज हुआ, बाकी के एडमिशन नहीं हुए। दिनभर मरीज भटकते रहे। कई बिना इलाज ही लौटे। हालांकि शाम 5.30 बजे के बाद इमरजेंसी सेवा बहाल कर दी गई।
घबराइए नहीं...डीएम की बैठक में बनी फिलहाल राहत की यह व्यवस्था
डीएम प्रणव कुमार ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल और प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा के साथ बैठक की। इसमें मरीजों को राहत देने के लिए व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। फिलहाल मायागंज अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों का इलाज होगा।
तीन-चार दिन चलेगी इमरजेंसी
अभी तीन-चार दिन तक इमरजेंसी में इलाज होगा। इस बीच सदर अस्पताल में तैयारी होगी। वहां इमरजेंसी के अनुसार सब तैयार हाेने के बाद मायागंज की इमरजेंसी बंद कर दी जाएगी। कुछ निजी नर्सिंग होम भी सरकार अधिकृत करेगी। इनमें आम मरीजों का इलाज होगा।
डाॅ. अारसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
सिटी स्कैन
मरीजों की सिटी स्कैन जांच के लिए निजी एजेंसी की लगाई सिटी स्कैन मशीन चालू की जाएगी। इसके लिए बिजली कनेक्शन करवाए जाएंगे। यहां 8 डॉक्टर तैनात हैं, लेकिन उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
सदर में ऐसी होगी व्यवस्था
ब्लड बैंक
अस्पताल में इमरजेंसी सर्विस के लिए ब्लड बैंक का छोटा यूनिट बनाया जाएगा। जरूरतमंदों को इससे मौके पर ही खून दिया जा सकेगा।
डायलिसिस यूनिट
इमरजेंसी के ऊपर बने 40 बेड के क्वारेंटाइन सेंटर में डायलिसिस मशीनें लगेंगी। यहीं किडनी मरीजों की डायलिसिस होगी।
मायागंज का इमरजेंसी के मेन गेट पर लगा नोटिस। इसमें बताया जा रहा है कि यहां सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज होगा।
यह है चुनौती
सदर अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर की कमी है। फिलहाल सीजेरियन डिलिवरी के लिए ही ओटी है। इसमें इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की सर्जरी कैसे होगी? इतना ही नहीं, हड्डी मरीज, गाेली लगने से जख्मी मरीजों की सर्जरी कैसे होगी? हालांकि प्रशासन तुरंत ऐसे केसों के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यालय के नीचे बने मेडिको लीगल केस वाली इमारत में इमरजेंसी ओटी बनाने की तैयारी करेगा। लेकिन चुनौती यह भी है कि दो-तीन दिन में यह कैसे पूरा होगा?
इस पर चल रहा मंथन
मायागंज अस्पताल अधीक्षक डॉ. मंडल ने डीएम से कहा है कि सामान्यता रोजाना 70-80 मरीजों के इमरजेंसी में एडमिशन होते हैं। इनमें करीब 11-12 तरह के केस रोजाना देखे जाते हैं। इनमें पुलिस केस, दुर्घटना, गाेली लगने से घायल, हड्डी टूटने, सांप काटने, प्रसव, सीजेरियन, डायलिसिस, निकू, अाईसीयू, सीसीयू, एमडीअार टीबी, हार्ट अाैर दमा मरीजाें के अलावा एंबुलेंस सुविधाएं भी हैं। सदर अस्पताल में इतने केस को कैसे संभाला जाएगा? इस पर अफसरों ने मंथन शुरू कर दिया है।
इमरजेंसी: पीरपैंती में सोमवार सुबह बच्चों के साथ खेल में हुए मारपीट में 6 लोग जख्मी हाे गए। किसन गाेस्वामी, सुनंदा, प्रीति, मिथिलेश, प्रियंका व अन्य घायलाें काे परिजन रेफरल अस्पताल से मायागंज ले आए। यहां उन्हें सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया। यहां सिटी स्कैन न होने से उन्हें बिना इलाज ही लौटना पड़ा।
मेडिको लीगल केस: बांका पुनसिया के गाैतम कुमार समेत अन्य परिजनाें की पिटाई पास के ही यादव टाेले के लाेगाें ने रविवार काे कर दी। रजाैन पीएचसी में रविवार को इलाज के बाद सिटी स्कैन और बेहतर इलाज के लिए उन्हें मायागंज भेजा गया। यहां गेट बंद था। सभी ने उसे सदर अस्पताल भेजा। लेकिन यहां सिटी स्कैन न होने से उन्हें बिना इलाज ही लौटना पड़ा।
बंद हाेते ही किस तरह हुई परेशानी, जानिए..
8 घंटे मायागंज रहा बंद, मरीजों की हुई फजीहत, सदर अस्पताल होगा अपग्रेड
मैटरनिटी वार्ड : कहलगांव अंतीचक की सुमन देवी भर्ती हैं। उनकी सर्जरी हुई। उन्हें यह डर है कि 8 दिन से पहले स्टिच नहीं कटेगी। एेसे में किसी दूसरे अस्पताल में भेजा तो इलाज कैसे होगा? इसी तरह बरारी के साजन सिंह की प|ी सरिता की डिलिवरी रविवार दाेपहर सर्जरी से हुई। उसकी भी यही परेशानी है। नवीन यादव की प|ी ज्याेत्सना की सर्जरी से जुड़वा बच्चाें का जन्म हुआ। चार अप्रैल को एक नवजात को हुई, दूसरी नवजात नीकू में वेंटिलटेर पर है। वह भी अस्पताल खाली करवाने के फैसले से परेशान है।
1. चारी दिन चलेगी इमरजेंसी...सभी अफसरों ने तय किया कि मायागंज अस्पताल की इमरजेंसी 3-4 दिन चलेगी। इस बीच सदर अस्पताल अपग्रेड हो जाएगा। इसके बाद मायागंज की इमरजेंसी सेवा सदर में शुरू हो जाएंगी। मायागंज से ही डाॅक्टराें अाैर स्टाफ भी शिफ्ट किए जाएंगे।
2. निजी नर्सिंग होम देंगे राहत...शहर के तीन-चार निजी नर्सिंग होम को अधिकृत किया जाएगा। यहां मरीजों का इलाज हो सकेगा। अधीक्षक ने डीएम काे अस्पताल में मरीजाें के एडमिशन न होने से परेशानियां बताई। इस पर डीएम ने सरकार से बात कर सकारात्मक रिजल्ट निकालने की बात कही।
3. ये हो सकते हैं विकल्प...बताया जा रहा है कि निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों के लिए प्रशासन ग्लाेकल, मंगलम, मेडिका सुपर स्पेशियलिटी, तपस्वी हाॅस्पिटल, अाशीर्वाद हाॅस्पिटल, पल्स हाॅस्पिटल को अधिकृत कर सकता है। ये अस्पताल वेंटिलेटर व आईसीयू सुविधाओं से लैस हैं।
सदर में ब्लड बैंक के यूनिट, सिटी स्कैन मशीन व डायलिसिस हाेंगे
सर्जरी में भर्ती मरीजाें के सामान्य अाॅपरेशन हाेंगे, फिर घर भेजा जाएगा
दो दिनों में हड्डी के मरीजाें की हाेगी सर्जरी, फिर मिलेगी छुट्टी
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