लाॅकडाउन में कई इलाकों के गरीब, मजदूर व बेसहारों के बीच 3 दिनों से फाकाकसी की नौबत आ गई है। ये ऐसे परिवार के लोग हैं जो हर दिन मजदूरी, रिक्शा चलाकर परिवार का पेट भरते हैं। महिलाएं दिनभर पापड़ बेलती हैं। लाॅकडाउन के बाद से इनका रोजगार छिन गया है। मौलाना चक शहवाज नगर में ऐसे 63 परिवार हैं, जो भूखे रहने पर विवश हैं। लॉकडाउन के बाद कुछ दिनों तक तो घर में रखे राशन से काम चला, लेकिन अब इनके घरों में 3 दिनों से खाने पीने के लिए कुछ नहीं है। यह 63 परिवार में ज्यादातर लोग किराएदार हैं। बीबी सकीना, बीवी मुन्नी, शकीला, बीवी फरजाना, अफसाना, पिंकी, जयबुन आदि महिलाओं ने बताया कि घर में खाने पीने का राशन तक नहीं है। घर में पुरुष भी बेकार बैठे हैं और हम लोगों का पापड़ बेलने का काम भी बंद है। कोई सहारा नहीं है। रिक्शा चालक फरीद ने कहा कि लॉकडाउन के बाद रिक्शा चलाना बंद हो गया। अब परिवार के बीच खाने के लाले पड़े हैं। समाजसेवी मंजर आलम ने बताया कि वार्ड 39 के मौलाना चक शहबाज नगर में कई परिवार के बीच फाकाकसी की नौबत आ गई है।
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