नालंदा सहित कई जिलों के 1011 यात्रियों को लेकर रविवार को गुजरात के वापी से दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहारशरीफ स्टेशन पहुंची। प्रवासी कामगारों के आने को लेकर स्टेशन पर सुरक्षा सहित तमाम इंतजाम किये गये थे। नगर निगम और मेडिकल टीम के अलावा प्रशासनिक पदाधिकारी भी तैनात थे। दो ट्रेन के यात्रियों को एक-एक कर स्टेशन पर उतारा गया। मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद सभी को पानी और खाने का पैकेट देकर स्टेशन के बाहर खड़ी बस में बैठाकर गोला पर हवाई अड्डा पहुंचाया गया। जहां से इन्हें संबंधित जिला और प्रखंड के लिए रवाना किया गया। एक ट्रेन से 537 और दूसरी ट्रेन से 474 प्रवासी कामगार पहुंचे थे। अहले सुबह एक ट्रेन चेन्नई से भी पहुंची थी।
संक्रमण से बचने काे बरती गयी सावधानी: जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर लगी सभी कर्मी अलर्ट मोड में आ गये। प्लेटफार्म को पहले ही सैनिटाइज किया गया था। उतरने वाले यात्रियों और उनके लैगेज को भी सैनिटाइज किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी की स्क्रीनिंग की गयी। यात्रियों को उतरने के बाद भी पूरी ट्रेन को सैनिटाइज किया गया। निगम के कर्मियों ने एक-एक बोगी को सैनिटाइज किया। बस को भी सैनिटाइज करने के बाद उन्हें बैठाया गया।
बोले कामगार- परिवार की चिंता थी लाैटना जरूरी था
कपड़ा, हीरा तराशने सहित कई तरह के काम से जुड़े कामगार इस ट्रेन से लौटे थे। पूछने पर बताया कि काम धंधा बंद होने के कारण रहने-खाने की समस्या थी। संक्रमण का भी भय सता रहा था। परिवार की भी चिंता थी। ऐसे में लौटना जरूरी हो गया। अब कोशिश होगी कि अपने प्रदेश में ही रोजगार करें। सुना है कि सरकार रोजगार उपलब्ध करायेगी। यदि ऐसा हुआ तो घर छोड़कर बाहर भटकने की नौबत ही नहीं आयेगी।
इन जिलों से आये प्रवासी
नवादा, बांका, भागलपुर, शेखपुरा, जमुई, गया, पूर्णिया, किशनगंज, मुंगेर, लखीसराय, जहानाबाद, मुजफ्फपुर, नालंदा, सिवान, गोपालगंज, छपरा आदि जिलों के प्रवासी पहुंचे थे।
मालिकों ने संकट में राशन तक देने से खड़े कर दिए हाथ
रहुई निवासी राजकिशोर ने बताया कि 21 दिन के लॉकडाउन के बाद मालिकों ने राशन तक देने से मना कर दिया, वापस घर लौटने के अलावा विकल्प नहीं बचा।
ट्रेन कैंसिल होने से हुई परेशानी
इस्लामपुर के धमौली निवासी गुड्डू ने बताया कि 28 तारीख की ट्रेन थी लेकिन कैंसिल हो गया। स्टेशन पर पहुंचने के बाद हमें एक स्कूल में रखा गया। काफी परेशानी हुई। इसके बाद शनिवार को ट्रेन खुली तो रविवार को नालंदा पहुंचे। उन्होंने भी लुधियाना में मालिक पर अच्छा बर्ताव नहीं करने के आरोप लगाए। थरथरी की गुड़िया देवी ने कहा कि कोई मददगार नहीं था।
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