जिले के विभिन्न पंचायतों में मध्य विद्यालयों को अपग्रेड कर हाई बनाए गए विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार विमल ने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस इन विद्यालयों में वर्षा जल को संचय करने का काम किया जाएगा। इससे विद्यालय व छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि जल-जीवन- हरियाली योजना के तहत यह कार्य किया जा रहा है।
इसे लेकर सभी विद्यालयों में निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं। डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान किरण मिश्रा ने बताया कि 10 जून तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। विभागीय निर्देश के आलोक में निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि भवन निर्माण के साथ-साथ विद्यालयों में शौचालय ,बिजली,बेंच-डेस्क आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। समय पर निर्माण कार्य पूरा हो सके इसके लिए वे लगातार समीक्षा व नियमित जांच कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए विद्यालयों की छत पर हॉज बनाने का कार्य होना है। ताकि उसमें वर्षा जल का संग्रह किया जा सके।
वैश्विक महामारी कोरोना संकट की वजह से दूसरे प्रदेशों से घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से भी विद्यालय भवन निर्माण कार्य लिया जा रहा है। इससे उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। डीपीओ ने बताया कि काम करने को इच्छुक प्रवासियों से भी निर्माण कार्य लिया जा रहा है। ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके।
10 विद्यालयों में हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण पूरा
डीपीओ ने बताया कि 20 तारीख को निर्देश मिलने के बाद से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। अब तक 10 विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। जिले के विभिन्न पंचायतों के 167 मध्य विद्यालयों को अपग्रेड करने का कार्य किया जा रहा है। इनमें 100 पुराने विद्यालय हैं। जबकि 55 विद्यालयों में 2-2 अतिरिक्त कमरों का निर्माण करना है। इसमें ज्यादातर विद्यालयों में भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। अब सिर्फ फिनिशिंग आदि कार्य शेष हैं। जिसे 10 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
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