बिहार के कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने गुरुवार काे कृषि विज्ञान केन्द्र, बांका के वैज्ञानिकों से वीडियो कांफ्रेन्सिंग से संवाद किया तथा जिले में चल रहे कृषि विकास की समीक्षा की। इसमें बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के पदाधिकारियों से लाॅकडाउन के समय के कार्यों की समीक्षा की गई।
इस दाैरान कुलपति डा. अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रवासियों/किसानों के लिए लाॅकडाउन में सामुदायिक रेडियो एफएम॰ ग्रीन चैनल शुरू किया गया है, जिसके द्वारा जरूरी सूचना के साथ कृषि सलाह दिया जा रहा है। समीक्षा के क्रम में केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डा. मुनेश्वर प्रसाद ने लाॅकडाउन के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र बांका के द्वारा किये गये कार्यों को बताया और कहा कि जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तह्त रजौन प्रखंड के चयनित गांव उपरामा, भुसिया, लीलातरी, कठचातर, कठौन में 156 एकड़ में शून्य जुताई के माध्यम से मूंग की खेती कराया गया तथा आगामी खरीफ मौसम की पूर्व तैयारी के तह्त धान की सीधी बुआई के लिए 100 एकड़ जमीन का लेजर लैंड लैवेलर से समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है।

रात से सुबह तक दवा का छिड़काव जरूरी
टिड्डियों के प्रकोप के संबंध में बताया गया कि इसके पहुंचने की आशंका को देखते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र एहतियात के तौर पर किसानों के लिए सलाह जारी कर दी गयी है। इसके लिए क्लोरपायरीफाॅस 20 प्रति ईसी या फ्रिप्रोनिल 5 प्रतिशत एस सी दवा का छिड़काव शाम के बाद रात्रि के समय से सूर्योदय के बीच करने से टिड्डियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही टिड्डियों के दल के प्रकोप की दशा में टीन के डिब्बों, झालियों, ढ़ोल को बजाने से टिड्डयों का प्रकोप आस-पास के खेतों में नहीं होगा। कृषि विज्ञान केन्द्र बांका के द्वारा बायोटेक किसान हब परियोजना के तह्त बकरियों के छेरा बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण किया गया और मशरूम उत्पादन भी कराया जा रहा है। आदिवासी उपयोजना के माध्यम के आदिवासी किसानों के बीच सब्जियों के बीज, मूूंग का बीज एवं मुर्गी का चूजा का वितरण इस लाॅकडाउन की अवधि में किया गया। साथ ही केन्द्र पर बिक्री हेतु धान के बीज की उपलब्धता के बारे में भी अवगत कराया गया।



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कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से वीडियो कांफ्रेन्सिंग करते कृषि मंत्री।

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