शनिवार को प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर में जागरूकता का एक अनोखा पहल देखने को मिला। जब जयपुर से अपने गृह प्रखंड लौटे लड़कों को क्वारंेटाइन सेंटर से सर्टिफिकेट देते हुए इन्हें होम क्वारंेटाइन के लिए विदा किया जा रहा था।
युवा जिस कमरे में रुके थे उस कमरे से लेकर बरामदे तक को अपने घर के लिए विदा होने से पूर्व सभी ने मिलकर अच्छी तरह से साफ-सफाई कर डाला। जयपुर में रहकर सिलाई का काम कर रहें देवानंद सिंह एवं उनके दोस्त निर्मल सिंह, भगीरथ, परिमल, प्रवीण, रंजीत, संजय सिंह, मेघनाथ,अजित, विष्णु, अक्षय, लक्ष्मण ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वे सभी अपने घर के समीप आने के बाद भी अपने घर ना जाकर सरकार के बताए गए नियमों का पालन किया। स्थानीय प्रशासन द्वारा उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया था, ताकि कोरोना का संक्रमण घर आस-पड़ोस में ना फैले। इसलिए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि उन लोगों को जाने के बाद वहां किसी और लोगों को भी यहां ठहराया जाय तो कमरा साफ सुथरा मिले।
युवाओं ने कहा कि यह विद्यालय तो अपने गांव का है इसकी साफ-सफाई रखना हम सब की जिम्मेदारी बनती है। बतातें चलें कि पिछले पांच दिनों में इन युवाओं की टोली ने शोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए पहले दिन से ही अपने कमरें की सफाई के साथ क्वारंेटाइन सेंटर परिसर की सफाई, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने के लिए योगाभ्यास और तनाव मुक्त रहने के मनोरंजन, सोशल मीडिया आदि का सदुपयोग की जानकारी क्वारंेटाइन सेंटर में रुकें हुए अन्य मजदूरों को दे रहें थे। जिसकी प्रशंसा स्थानीय प्रशासन एवं क्वारोटाइन सेंटर के कर्मी कर चुकें है।



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Cleaning the room before quarantine

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