डीआरएम के आदेश के बाद भी बंद पड़े किऊल के रैक प्वाइंट को चालू करने का काम शुरू नहीं हुआ। दानापुर के डीआरएम सुनील कुमार 12 जून को यार्ड निरीक्षण के लिए किऊल पहंुचे थे। अधिकारियों को अगले दिन से ही तत्काल काम शुरू करने का निर्देश दिया था।
लेकिन अगले दिन तो क्या 12 दिन के बाद भी रैक प्वाइंट चालू करने की दिशा में काम भी शुरू नहीं हुआ। डीआरएम के पहले दानापुर के एडीआरएम अरविंद कुमार रजक 3 जून को किऊल पहंुचे थे। एडीआरएम ने लगभग डेढ़ घंटे तक रैक प्वाइंट का निरीक्षण किया। रैक प्वाइंट चालू करने में परेशानी का ऑन स्पॉट समस्या का सामाधान कर दूसरे दिन से काम शुरू करने का निर्देश दिया था।
सात महीनों से बंद है रैक प्वाइंट
2019 में नवंबर अंतिम सप्ताह में रैक लगने के बाद से ही बंद है। आरआरआई एवं यार्ड रिमॉडलिंग के चलते रैक प्वाइंट को रेलवे ने तत्काल बंद करने का आदेश दिया था। आरआरआई कार्य पूरा हुए 38 दिन बीतने के बावजूद रैक प्वाइंट चालू बंद ही है।
42 बोगी का बनना है रैक प्वाइंट
यार्ड रिमॉडलिंग के बाद पूर्व का रैक प्वाइंट छोटा पड़ गया है। हावड़ा इंड में रैक प्वाइंट की लंबाई बढ़ानी है। लेकिन न काम शुरू हुआ और न ही रैक प्वाइंट पर बिखरे सामानों को ही हटाया गया है। रैक प्वाइंट को बनाने का जिम्मा रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के पास है। कंस्ट्रक्शन विभाग की सुस्ती चाल से रैक प्वाइंट को जुलाई में चालू करना संभव नहीं है।
रैक प्वाइंट चालू होता ताे लोगों को मिलता रोजगार
रैक प्वाइंट चालू होता तो सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिलता। किऊल स्थित रैक प्वाइंट पर करीब 500 मजदूर काम करते हैं। बंद होने के बाद ये बेराेजगार हो गए है। ये महीनों से रैक प्वाइंट के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं। मजदूरों ने कहा रैक प्वाइंट से उन्हें अपने घर में ही काम मिलता था। दो वक्त की रोटी का जुगाड़ मुश्किल हो गया है।
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