काम में तेजी आने के कारण भागलपुर स्मार्ट सिटी की रैंक में सुधार हुआहै। शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी सूची में तीन माह में ही भागलपुर स्मार्ट सिटी के अंक में छह अंकाें का सुधार हुआहै। अब भागलपुर 65वें स्थान पर है जबकि तीन माह पहले 71वें स्थान पर था। बिहार में भागलपुर को छोड़ हर शहर इसमें पिछड़ गया है। अभी टॉप पर अहमदाबाद है। दूसरे नंबर पर आगरा और तीसरे नंबर पर इंदौर है। शहरी विकास मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से जारी जून माह की रिपोर्ट में 98 शहरों में पटना 47वां, बिहारशरीफ को 77वां और मुजफ्फरपुर को 98वां स्थान मिला है।
मार्च माह में जारी सूची के आधार पर केवल भागलपुर ने ही अपनी स्थिति में सुधार किया है। मार्च की सूची में भागलपुर को 71वां, पटना काे 33वां, बिहारशरीफ को 73वां और मुजफ्फरपुर को 96वां रैंक मिला था। काम पूरा होने व कार्यादेश जारी होने पर स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में सर्वाधिक 24 और 16 नंबर मिलते हैं, लेकिन बिहार के चारों शहरों को ये नंबर नसीब ही नहीं हुए। कहीं कोई काम पूरा नहीं हुआ।
भागलपुर स्मार्ट सिटी बाेर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक बुधवार काे प्रमंडलीय आयुक्त के सभागार में हुई। स्मार्ट सिटी कंपनी की चेयरमैन सह कमिश्नर वंदना किनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सैंडिस कंपाउंड के साैंदर्यीकरण, टाउन हाॅल के निर्माण, ई-टाॅयलेट, ट्रिपल सी बिल्डिंग और जेएलएनएमसीएच में नाइट शेल्टर हाेम के निर्माण काे लेकर तैयार डिजाइन काे प्रजेंटेशन के जरिए दिखाया गया और अंत में इस पर बाेर्ड ऑफडायरेक्टर ने मुहर लगा दी।
करीब 100 कराेड़ के प्राेजेक्ट पर बाेर्ड ऑफ डायरेक्टर ने स्वीकृति दी। लेकिन इन सारे प्राेजेक्ट काे पूरा हाेने में डेढ़ से दाे साल का समय लग सकता है। हालांकि काम मे तेजी लाने से मार्च मे मुकाबले भागलपुर स्मार्ट सिटी की रैंक में छह अंक का सूधार हुआ है। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी रैंक में यह 71 से 65वें स्थान पर पहुंच गया है। स्पेशल परपस व्हीकल में 14 खाली पदाें के लिए आठ का चयन हुआऔर इसकी भी स्वीकृति दी गई। बैठक में डीएम प्रणव कुमार, नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी, मेयर सीमा साह समेत स्मार्ट सिटी कंपनी के पदाधिकारी माैजूद थे।
ट्रिपल सी बिल्डिंग: 26 कराेड़ की लागत से बनेगी
1. 42 हजार वर्ग फीट जमीन पर काेलकाता की एजेंसी ने काम शुरू कर दिया गया है। 26.22 कराेड़ की लागत से पांच मंजिला बिल्डिंग 18 महीने के अंदर बनेगी। इसमें ग्राउंड फ्लाेर पर पार्किंग और रिसेप्शन, फर्स्ट फ्लाेर पर डाटा सेंटर, सकेंड फ्लाेर पर कमांड एंड कंट्राेल सेंटर, थर्ड फ्लाेर पर व्यू गैलरी, चाैथे मंजिल पर ऑफिस र पांचवे मंजिल पर मीटिंग हाॅल और कैफेटाेरिया हाेगा।
सैंडिस कंपाउंड : 34 कराेड़ रुपए से हाेगा साैंदर्यीकरण
2. सैंडिस कंपाउंड का साैंदर्यीकरण 34.7 करोड़ की लागत से हाेगा। इसमें वाॅक वे,कैफेटाेरिया, लैंड स्केपिंग, नेहरू मेमाेरियल, बास्केट बाॅल काेर्ट, न्यू बैडमिंटन काेर्ट बिल्डिंग, जिम बिल्डिंग का जीर्णाेद्धार, लॉन टेनिस, क्रिकेट मैदान, क्लीवलैंड मेमाेरियल, बड़ा टाॅयलेट, मल्टीपर्पस ग्राउंड, स्क्ल्पचर काेर्ट, स्पाेर्ट्स काॅम्पलेक्स में लाइटिंग व अन्य कार्य शामिल हैं।
टाउन हाॅल : 1000 लोगों के बैठने की हाेगी क्षमता
3. भागलपुर स्मार्ट सिटी प्राेजेक्ट के तहत टाउन हाॅल का भी जीर्णाेद्धार हाेगा। 29 कराेड़ की लागत से उसका फिर से निर्माण हाेगा, जिसकी क्षमता हजार सीट की हाेगी। इसके साथ ही वहां पार्किंग के साथ ही गार्डनिंग भी हाेगी, ताकि लाेग वहां कार्यक्रम भी देख सकेंगे। साथ ही गार्डन में भी घूम-बैठ सकते हैं। अभी वहां की क्षमता मुश्किल से 400 सीट की है।
नाइट शेल्टर : मरीज के परिजनाें के लिए 100 बेड
4. मायागंज अस्पताल के पास मरीज के परिजन के लिए साै बेड का नाइट शेल्टर बनेगा। छह कराेड़ की लागत से इसका निर्माण हाेगा। मायागंज अस्पताल में काेशी व पूर्व बिहार के इलाके के दर्जनभर से अधिक जिलाें के मरीज इलाज कराने आते हैं। मरीज के परिजन काे बाहर या पेड़ के नीचे रात गुजारनी पड़ती है, शेल्टर बनने से लाेगाें काे जहां-तहां भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ई-टाॅयलेट: ऑटाेमैटिक सफाई की हाेगी व्यवस्था
5. शहर के विभिन्न चाैक-चाैराहे और सड़क के किनारे ई-टाॅयलेट का निर्माण हाेगा। डेढ़ कराेड़ की लागत से इसे बनना है। इस टाॅयलेट की सफाई ऑटाेमैटिक हाेगी। हालांकि शहर में पहले भी बायाे-टाॅयलेट का निर्माण किया गया था। लेकिन उसमें पानी की व्यवस्था नहीं हाेने और देख-रेख के अभाव में वे सारे बेकार हाे गए।
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