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(संजय कुमार) भागलपुर समेत आसपास के जिलों में दो दिनी हुई बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है। जिले में बहने वाली गंगा और कोसी के जलस्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गई। दोनों नदियों का पानी दियारा में फैल रहा है। इससे हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें डूब गई हैं। पानी में करंट से कटाव तेज हो गया है। इससे रंगरा के मदरौनी, कौशिकपुर सहौरा पंचायत, बिहपुर के नरकटिया-नन्हकार बांध, कहलगांव के रानीदियारा व टपुआ और सबौर के नदी से लगे गांवों में कटाव का डर बढ़ गया है।
तटबंधों के कमजोर स्पर पर दबाव भी बढ़ने लगा है। नवगछिया और कहलगांव में जलस्तर डेंजर लेवल के करीब है। फ्लड कंट्रोल के इंजीनियरों का मानना है कि जुलाई मध्य और अगस्त में रहने वाला स्तर इस बार जून के अंत में ही पहुंच गया है। इससे जिले में बाढ़ की आशंका बताई जा रही है। जिले की 70 प्रतिशत आबादी के प्रभावित होने की भी आशंका है।
पांच स्थानों से जानिए कटाव व बाढ़ की स्थिति
1. रंगरा के मदरौनी में सप्ताहभर से कटाव: इस साल करीब 4 करोड़ से कटावरोधक काम कराया गया, लेकिन गुणवत्तापूर्ण काम न होने ने कटाव शुरू हुआ है। कटाव गांव की ओर बढ़ रहा है। मदरौनी और कौशिकपुर सहौरा पंचायत पांच साल पहले भी भीषण कटाव से 70 फीसदी समाप्त हो गया था। बचा हिस्सा इस बार फिर नदी के सामने है। लोग गांव से पलायन कर रहे हैं।
2. बिहपुर में नरकटिया-नन्हकार बांध पर खतरा : बिहपुर के नरकटिया नन्हकार-बांध पर नरकटिया गांव के पास बांध में दरार आ गई है। इस पर पिछले साल कटाव से 350 मीटर बांध गंगा में समा गया था। इस साल 9.5 कराेड़ से विभाग ने कटावरोधक कार्य किया पर बढ़ते जलस्तर से बांध में दरार आ गई। हरिओ-त्रिमुहान बांध पर हरिओ स्लुइस गेट के पास कोसी का कटाव तेज है। जियो बैग डालकर बांध बचाने की कोशिश की जा रही है।
3. कहलगांव के रानीदियारा और टपुआ में कटाव: कहलगांव में फिलहाल हर घंटे गंगा एक सेंटीमीटर बढ़ रही है। रानी दियारा और टपुआ दियारा में किए कटावरोधी काम में लगभग 200 मीटर जिओ बैग गंगा में समा चुका है।
4. खरीक के सिंहकुंड व मैरचा गांव के पास कोसी से कटाव: खरीक के राघोपुर-काजीकौरैया तटबंध पर फिलहाल खतरा नहीं है। लेकिन सिंहकुंड व मैरचा गांव के पास कोसी नदी से कटाव हो रहा है। सिंहकुंड में करीब 25 लोगों के घर पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है।
5. घोघा में उतरा पानी, खेत गंगा में समा रही : घोघा नदी में पानी उतरने से अठनियां गांव और दियारा इलाकों में जाने का रास्ता पूरी तरह कट गया है। यहां करीब 300 मकान हैं। लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बाबूपुर, रजंदीपुर और शंकरपुर में गंगा के जलस्तर में करीब दो हाथ पानी ऊपर तक उठ गया है। संत नगर के पास गंगा गांव तक पहुंच गई है। एक ओर पानी की तेज धार और दूसरी ओर हवा के तेज झोंकों से गांव के खेत कटकर गंगा में समा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो स्थिति विकट होगी।
तटबंध सुरक्षित
रंगरा और बिहपुर क्षेत्र में तटबंधों पर बालू रहने से स्क्रैप बैठ रहा है। तटबंध को कोई खतरा नहीं है। -विजय कुमार अलबेला, एसडीओ, जल संसाधन विभाग।
कटाव का खतरा
भागलपुर के रास्ते कोसी और गंगा कुरसेला में मिलती है। दोनों नदियां भागलपुर में डाउन स्ट्रीम में है। भारी बारिश से सारी नदियां उफनकर भागलपुर में मिलती है। यहां करंट ज्यादा होने से कटाव का खतरा है।
नरेंद्र कुमार सिंह, सहायक अभियंता, केंद्रीय जल आयोग, बेगूसराय।
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