पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने महागठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग के लेकर कांग्रेस-राजद व अन्य दलों कोएक और अल्टीमेटम दिया है। पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि दो दिन पहले महागठबंधन की वर्चुअल मीटिंग हुई है। हम पांच से छः दिन इंतजार करेंगे। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो पार्टी दो जुलाई के बाद के बाद बड़ा फैसला ले सकती है।
जीतनराम मांझी पिछले कई महीनों से कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार पर भी मांझी ने कहा था कि कोऑर्डिनेशन कमेटी नहीं होने से हमें खामियाजा भुगतना पड़ा। मांझी पहले भी इस मांग को लेकर अल्टीमेटम दे चुके हैं। इससे पहले शुक्रवार को हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में जीतनराम मांझी को पार्टी की तरफ से सभी फैसले लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया। महागठबंधन में रहने या छोड़ने को लेकर मांझी ही फैसला लेंगे।
इधर, राजनीति गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि अगर मांझी की मांगें नहीं मानी गई तो वे एक बार फिर पाला बदल सकते हैं। वे महागठबंधन छोड़कर एक बार फिर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इस बात की भी चर्चा है कि मांझी की पार्टी का जदयू में विलय हो सकता है। हालांकि, अगले कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा कि मांझी किस तरफ जाते हैं।
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