गया के सांसद विजय कुमार मांझी ने शनिवार को बाराचट्टी थानाध्यक्ष कुमार सौरव के खिलाफ हाई प्रोफाइल मोर्चा खोल दिया। इस दौरान वे थाना परिसर में ही धरना पर बैठ गए। हालांकि इस दौरान उनकी तबीयत भी बिगड़ी तो वे लेट भी गए। सांसद थानाध्यक्ष के रवैए और कार्यशैली से नाराज थे। बताया जा रहा कि शिवनन्दन नाम का एक ग्रामीण फरियाद लेकर सांसद विजय कुमार मांझी से मिला। मामला इसके भाई से जुड़ा है। बरण्डी गांव के देवनंदन भुईयां को थाना क्षेत्र के ही गोइठा मीठा गांव का रहने वाला सुरेन्द्र यादव, जो कि लेबर का ठेकेदार है।
वह 30 मजदूरों को जनवरी माह में आंध्रप्रदेश के एक स्टील प्लांट में काम करने के लिए ले गया था, जिसमें देवनंदन भी शामिल था। वहां इसकी तबीयत फरवरी महीने में बिगड़ी थी, जिसका इलाज नहीं कराया गया और एक जून को उसकी मौत हो गई। भाई शिवनदंन ने देवनंदन के जीवित रहते उसका इलाज कराने या घर वापस लाने की गुहार ठेकेदार से कई बार फोन पर लगाई थी। किन्तु उसकी मौत के बाद भी शव नहीं दिया। जेसीबी से गडढ़ा खोदकर वहीं दफना दिया गया। इसी मामले को लेकर सांसद थानेदार से फोन पर बात करना चाह रहे थे।
सांसद का आरोप, महादलित होने के कारण कर रहे अपमानित
सांसद विजय कुमार मांझी के मुताबिक वे बरंडी के युवक के साथ हुए घटनाक्रम को लेकर जानकारी हासिल करना चाह रहे थे, किन्तु हमेशा की तरह चार बार फोन करने के बाद भी थानेदार ने रिसीव नहीं किया और न ही कॉल बैक किया। बताया कि महादलित सांसद होने के कारण अपमानित किया जाता रहता है।
पीए का नंबर ब्लैक लिस्ट में थानाध्यक्ष ने डाल दिया है। कई दफा शिकायत आईजी-एसएसपी से की, पर कोई सुधार नहीं हुआ। थानाध्यक्ष कुमार सौरभ को निलंबित किए जाने की मांग पर वे अड़े थे। वहीं सीओ कैलाश महतो पहुंचे तो सांसद समर्थकों ने उनके कारनामों की चर्चा कर विरोध जताया, जिसके बाद सीओ मौके से खिसक गए।
हाथ जोड़कर थानेदार को समझाया प्रोटोकॉल
सांसद विजय मांझी ने एसएसपी पर भी आरोप लगाए। कहा कि बीस दिन पहले मुझे धमकी दी गई, लिखित शिकायत एसएसपी से किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। फतेहपुर दौरा के दौरान स्कॉट के लिए एसएसपी को फोन किया गया, पर व्यवस्था नहीं की गई। इधर, सांसद के सामने बाराचट्टी थाना प्रभारी ने फोन रिसीव नहीं किए जाने का कारण बताया तो सांसद ने हाथ जोड़ दिए, फिर प्रोटोकॉल के बारे में समझाया। थानाध्यक्ष को कहा कि महादलित के कारण फोन रिसीव नहीं करते, वहीं आप सांसद से बात कर रहे हैं तो आपकी टोपी, बैच, पुलिस जूता कहां है। इस मुद्दे को लोकसभा में उठाउंगा।
तबीयत बिगड़ी तो राजद विधायक बहन समता देवी भी थाने पहुंचीं
सांसद अपना गुस्सा जाहिर करने थाने को अपने आवास से पैदल ही पहुंचे थे। अपने ही संसदीय क्षेत्र और खासकर आवासीय क्षेत्र के थानाध्यक्ष द्वारा कॉल रिसीव नहीं किए जाने के तनाव कारण उनकी स्वास्थ्य हालत खराब हो गई। ब्लड प्रेशर लो और सिर में दर्द हो हुआ तो थाने में पहुंचकर पीएचसी प्रभारी एसएस हक के इलाज के दो घंटे बाद स्थिति सामान्य हुई। वहीं भाई की तबीयत खराब होने की खबर के बाद विधायक बहन समता देवी भी थाना में पहुंची और हाल जाना।
डीजीपी ने पहल कर खत्म करवाया धरना
धरना की सूचना के बाद शेरघाटी डीएसपी रवीश कुमार, एसडीओ उपेंद्र पंडित स्थल पर पहुंचे और सांसद से बात की। सांसद ने सारी बातों को सामने रखा। इसके बाद डीएसपी ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से सांसद की बात कराई। डीजीपी का थानेदार के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन के बाद सांसद माने और धरना टूटा। धरना के दौरान पूर्व जिला पार्षद सदस्य देवरानी देवी, जदयू प्रखंड अध्यक्ष विजय प्रसाद सिन्हा, आलोप सिंह चंद्रवंशी, नवल गुप्ता सहित कई मौजूद रहे।
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