राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक की कॉपी के मूल्यांकन में अब यूनिवर्सिटी की मनमानी नहीं चलेगी। राजभवन जल्द ही व्यवस्था करने जा रहा है कि सभी विश्वविद्यालयों में कॉपी का मूल्यांकन एक ही तरीके से हो। दरअसल दो हफ्ते पहले कुलाधिपति फागू चौहान ने अलग-अलग विश्वविद्यालय के वीसी के साथ समीक्षा बैठक की थी, जिसमें कॉपी मूल्यांकन का अलग-अलग तरीका अपनाए जाने का मामला सामने आया था। कुछ विश्वविद्यालय कॉपी का मूल्यांकन दूसरे विश्वविद्यालय भेजकर कराते हैं जबकि टीएमबीयू सहित कुछ विश्वविद्यालय अपने यहां ही मूल्यांकन कराते हैं। राजभवन ने कहा है कमेटी बनाकर जल्द ही एक तरीका अपनाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
टीएमबीयू सहित कुछ और विश्वविद्यालय अपने यहां ही कराते हैं कॉपी की जांच
काॅपी की जांच दूसरे विवि में कराने का है नियम
जानकार बताते हैं कि सामान्य रूप से स्नातक पार्ट थ्री और पीजी की कॉपियों का मूल्यांकन दूसरे विश्वविद्यालय में कराने का नियम है। टीएमबीयू में पूर्व वीसी राम आश्रय यादव से पहले मूल्यांकन जैसे-तैसे करा लिया जाता था। लेकिन राम आश्रय यादव ने स्नातक पार्ट थ्री और पीजी का मूल्यांकन बाहर से कराने की व्यवस्था बहाल की। बाद में टीएमबीयू में मूल्यांकन यहीं कराया जाने लगा।
देरी को कारण बताकर बदल दी गई व्यवस्था
टीएमबीयू में 2011-12 में तत्कालीन प्रभारी वीसी बिमल कुमार ने स्नातक पार्ट थ्री की कॉपी मूल्यांकन के लिए मुजफ्फरपुर विश्वविद्यालय भेजी थी। वहां ठेके ओर मूल्यांकन हुआ जिसमें काफी गड़बड़ी हुई थी। इसके बाद प्रभारी वीसी अरुण कुमार ने जब अपने समय मूल्यांकन के लिए स्नातक पार्ट थ्री, प्री पीएचडी, एमबीए की कॉपी वहां भेजी तो छह महीने तक कॉपी का पता ही नहीं चला।
कोरोना के कारण विवि में परीक्षा का पैटर्न बदलेगा
कोरोना से विश्वविद्यालयों में बिगड़े परीक्षा व रिजल्ट कैलेंडर ठीक करने की सलाह देने के लिए बनी 6 कुलपतियों की कमेटी की शुक्रवार को बैठक हुई। इसमें सहमति बनी कि परीक्षा के तरीके में कोरोना के कारण बदलाव करना जरूरी है। जहां कम विद्यार्थी हैं, वहां पुराने तरीके से परीक्षा ली जा सकती है। जहां अधिक विद्यार्थी हैं, वहां छोटे प्रश्न या वस्तुनिष्ठ प्रश्न रखे जा सकते हैं। ओएमआर शीट के जरिए परीक्षा आसानी से ली जा सकती है। इस मामले पर बैठक के बाद राजभवन को अनुशंसा भेजी जाएगी।
बैठक में कमेटी के संयोजक मुंगेर विवि के कुलपति प्रो. रणजीत वर्मा, विवि के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, मगध विवि के कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद, पीयू कुलपति प्रो. एचएन प्रसाद, बीआरए विवि के कुलपति के प्रो. एचपी पांडेय व पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल शामिल थे।
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