प्रदेश की राजनीति जवान हो रही है। विधानसभा चुनाव के पहले फेज में 71 सीटों के लिए चुनावी मैदान में उतरे 1065 प्रत्याशियों में इस बार बड़े राजनीतिक दलों ने सबसे ज्यादा भरोसा 36-45 साल के आयु वर्ग वालों पर दिखाया है। बड़े दलों ने इस श्रेणी में सबसे ज्यादा 113 उम्मीदवार उतारे हैं। युवा उम्मीदवारों की इस फेहरिस्त में सबसे युवा पार्टी जाप है।
पार्टी ने इस आयु वर्ग के सबसे ज्यादा 18 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। दूसरे स्थान पर 16 उम्मीदवारों के साथ लोजपा और 13 प्रत्याशियों के साथ रालोसपा तीसरे स्थान पर है। बुजुर्गों पर भाजपा और जदयू का भरोसा है। दोनों ही दलों ने 4-4 प्रत्याशी उतारे हैं। हम, माले और रालोसपा ने भी 1-1 सीनियर सिटीजन को जगह दी है।
उम्मीदवारों की आयु सीमा छह श्रेणी 25-35, 36-45, 46-55, 56-65, 66-75 और 75 वर्ष से ऊपर बांट प्रत्याशियों के शपथ-पत्र का अध्ययन बताता है कि बड़े राजनीतिक दलों के 353 उम्मीदवारों में 75 साल से ऊपर की श्रेणी फिट नहीं बैठतीं। 36-45 साल आयु वर्ग के बाद सर्वाधिक प्रत्याशी 46-55 आयु वर्ग के है। इस श्रेणी में 111 प्रत्याशियों को राजनीतिक दलों ने मैदान में उतारा है।
25-35 साल वाले उम्मीदवारों में जाप और राजद का भरोसा
25-35 साल के उम्मीदवारों पर भी जाप, रालोसपा और राजद का भरोसा ज्यादा है। जाप ने सबसे ज्यादा 9, रालोसपा ने 7 और राजद ने 6 को टिकट दिया है। जदयू और लोजपा का भरोसा इस आयु वर्ग वालों पर अपेक्षाकृत कम है। जदयू ने दो और लोजपा ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भाजपा ने सबसे कम 1 प्रत्याशी उतारे हैं।
66-75 साल के प्रत्याशियों पर भरोसा कम
राजनीतिक दलों का सबसे कम भरोसा 66-75 साल की उम्र सीमा के प्रत्याशियों पर है। पहले फेज में बड़े दलों ने महज 15 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसमें भाजपा और जदयू ने सबसे ज्यादा 4-4 नेताओं को टिकट दिया है।
भाजपा ने औरंगाबाद से रामाधार प्रसाद सिंह, आरा से अमरेंद्र प्रसाद सिंह, बड़हरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह और बांका से मंत्री रहे रामनारायण मंडल को उम्मीदवारी दी है। जदयू ने नवीनगर से वीरेंद्र कुमार सिंह, जहानाबाद से कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, तारापुर से मेवालाल चौधरी और मोकामा से राजीव लोचन नारायण सिंह पर भरोसा दिखाया है। हम, माले और रालोसपा ने भी 1-1 सीनियर सिटीजन ही उतारे हैं।
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