वार्ड 67 के पार्षद मुन्ना जायसवाल के भाई रणधीर जायसवाल उर्फ कल्लू जायसवाल की हत्या की साजिश बेउर जेल से रची गई थी। हत्या में शामिल शूटर और साजिशकर्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने साजिशकर्ता चौक थाने के किला रोड निवासी महेश कुमार तथा शूटर खाजेकलां के विक्की उर्फ टिकटिक और चौक के सुधीर पंडित को गिरफ्तार कर लिया।
विक्की के खिलाफ तीन, महेश के खिलाफ तीन और सुधीर के खिलाफ चार मामले पहले से दर्ज हैं। शातिरों के पास से पुलिस ने घटना के वक्त पहना हुआ पोशाक और दो मोबाइल बरामद किया है। पूछताछ में महेश ने पुलिस को बताया का उसने ही बेउर जेल में बंद चौक के श्याम बाबू गोप और फुलवारीशरीफ के दिनेश यादव के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी।
एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि घटना में शामिल सभी अपराधी पकड़े गए हैं। जमीन विवाद और पैसे के लेनदेन में हुए विवाद के कारण घटना हुई। हमलोग जेल में बंद दोनों अपराधियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेंगे। एक फरार अपराधी की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
शूटरों को दी गई थी एक लाख की सुपारी: पांच अक्टूबर को कल्लू जायसवाल की हत्या अशोक राजपथ पर उस वक्त हो गई, जब वे अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान खोलने जा रहे थे। घटना के बाद सिटी एसपी पूर्वी जितेंद्र कुमार की टीम छानबीन कर ही रही थी कि उन्हें चौक के ही रहने वाले कल्लू के पूर्व परिचित महेश पर शक हुआ।
पुलिस ने महेश को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जब पुलिस थोड़ी सख्ती से पेश आई तो तब महेश ने गुनाह कबूल लिया। महेश ने पुलिस को बताया कि श्यामबाबू का कल्लू से पहले से विवाद चल रहा था। कुछ दिनों से महेश का भी कल्लू से अनबन रह रहा था। इसी के बाद महेश बेउर जेल जाकर श्यामबाबू से संपर्क किया और कल्लू के हत्या की साजिश रची गई।
महेश ने कहा कि हत्या के कुछ दिन पहले भी बेउर जेल में मुलाकाती बनकर श्याम बाबू से मिला था और हत्या की तारीख तय हुई। इसके बाद विक्की उर्फ टिकटिक और सुधीर ने घटना को अंजाम दिया। इसके लिए दोनों को एक लाख रुपए की सुपारी दी गई थी।
महेश से था सूद का विवाद, जेल में बंद श्याम बाबू से जमीन के कारोबार काे लेकर था मतभेद
महेश ने पुलिस को बताया कि कल्लू ने ही उसे कर्ज पर पैसा दिया था। उसके बाद उसने हवा हवाई बनाने का धंधा शुरू किया। सूद के रूप में महेश से वह हर हवा हवाई की बिक्री पर सात हजार रुपए लेता था। शुरू में सब ठीक चलता रहा, जब बिक्री अधिक होने लगी तो महेश पैसे देने में आनाकानी करने लगा।
मैं कई बार पैसे लौटाने की बात करता, लेकिन वे माने नहीं। इसके बाद दोनों के बीच अनबन होने लगी। इस बीच महेश को पता चला कि कल्लू जमीन का कारोबार भी करता है। जमीन कारोबार में कल्लू का श्याम बाबू से विवाद चल रहा है। महेश और श्याम बाबू साथ आ गए और कल्लू की हत्या को अंजाम दिया।
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