कोरोना संक्रमण के बीच शहर के विभिन्न घाटों पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन सादगी से किया गया। लोगों ने नम आंखों से मां को विदाई दी। इस बार शहर के अधिकांश जगहों पर प्रतिमा स्थापित नहीं की गई थी। इसके चलते पूर्व की भांति रौनक नहीं रही। परबत्ती दुर्गा स्थान, मुंदीचक गढ़ैया, मोहद्दीनगर दुर्गा मंदिर, बड़ी खंजरपुर सहित अन्य जगहों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई थी।

बूढ़ानाथ घाट, मुसहरी घाट, गंगटी तालाब आदि जगहों पर मां दुर्गा की प्रतिमा व कलश का विसर्जन किया गया। पूजा महासमिति के पदाधिकारियों ने विभिन्न दुर्गा मंदिरों में पहुंचकर निर्धारित समय पर प्रतिमा विसर्जन करने का अनुरोध किया। महासमिति के अध्यक्ष अभय कुमार घोष सोनू, महासचिव जयनंदन आचार्य, कार्यकारी अध्यक्ष मानिक पासवान समेत अन्य पदाधिकारियों ने दुर्गा स्थानों का भ्रमण किया।

परबत्ती, कंपनीबाग, साहेबगंज की प्रतिमा भैरवा तालाब में, मुसहरी घाट पर मुंदीचक गढ़ैया की प्रतिमा, छोटी खंजरपुर, बड़ी खंजरपुर की प्रतिमा का विसर्जन हुआ। मोहद्दीनगर व रेलवे कॉलोनी की प्रतिमा गंगटी तालाब में विसर्जित की गई। राकेश रंजन ने बताया कि विसर्जन के पूर्व प्रतिमा की आरती की गई।

मंदिरों के आसपास लगी दुकानें, लोगों ने की खरीदारी
मुंदीचक गढ़ैया दुर्गा मंदिर, मोहद्दीनगर दुर्गा मंदिर समेत कई स्थानों पर प्रतिमा स्थापित की गई थी। यहां श्रद्धालुओं की तीन दिनों तक खासी भीड़ लगी रही। पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बैरिकेडिंग लगाए गए थे। श्रद्धालुओं के बीच हजारों मास्क वितरित किए गए। कई स्थानों पर मेले भी लगे। जहां बच्चों और बड़ों ने पूजा के बाद खाने-पीने की चीजों का आनंद लिया। वहीं महिलाओं ने कपड़ों, खिलौनों आदि की खरीदारी की। कई लोगों ने होटलों में त्योहार सेलिब्रेट किया। हालांकि पूर्व की तरह रौनक नहीं रही।



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