बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपना घोषणापत्र तैयार कर लिया है। अभी इसे आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है। फिर भी भास्कर डिजिटल आपको इस घोषणापत्र की पूरी जानकारी देने जा रहा है।
भाजपा अपने घोषणा पत्र में युवाओं को केंद्रित करके कई योजनाओं को सामने रख रही है। युवाओं को सक्षम बनाने के साथ-साथ उन्हें कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को और राज्य सरकार की योजनाओं को मिलाकर घोषणा पत्र में रखा गया है। भाजपा के घोषणा पत्र में केंद्र सरकार के काम के साथ साथ राज्य सरकार के काम को भी जगह दी गई है। इसमें 'आर्थिक हल युवाओं को बल' को प्रमुखता से दिखाया गया है।

पूरी तरह से युवाओं और किसानों पर फोकस

घोषणापत्र में पूरी तरह से युवाओं और किसानों पर फोकस किया है। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को लेकर यह बताया गया है कि केंद्र सरकार ने 21वीं सदी के लिए नई शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव किया है । 34 वर्षों के बाद यह शिक्षा नीति बदली है जो देश के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। सात निश्चय के तहत राज्य में मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, बिहार स्टार्टअप पॉलिसी, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, जीविका के माध्यम से ग्रामीण युवाओं का प्रशिक्षण, मेधावी छात्रों के लिए स्कॉलरशिप, शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना, खेलकूद को बढ़ावा और रोजगार प्रोत्साहन को जगह दी गई है।

15 साल बनाम 15 साल का जिक्र

भाजपा के घोषणा पत्र में 15 साल बनाम 15 साल का जिक्र किया गया है और काफी विस्तार से फर्क को बताया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार में क्या कुछ किया गया, उसके बाद नीतीश सरकार ने क्या उपलब्धि हासिल की यह दर्शाया गया है। तकनीकी शिक्षा में 15 साल कि राजद शासन में क्या स्थिति थी और अब के शासन में क्या स्थिति है। प्रतियोगी परीक्षा को लेकर भी तुलना किया गया है। जिसमें राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति , पिछड़ा वर्ग ,अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं को हर महीने ₹1000 दिए जाने की चर्चा की गई है। वहीं मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग छात्रावास योजना के तहत 33 छात्रावास बनाए जाने का भी जिक्र किया गया है। इस घोषणापत्र में कौशल विकास, उद्यमिता, रोजगार , खेल और संस्कृति मुख्य रूप से दिखाया गया है कि 15 साल पहले जब नीतीश कुमार की सरकार बनी थी तो क्या हालत था और अभी इन क्षेत्रों में क्या स्थिति है।

औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और अधिक निवेश

भाजपा ने घोषणा पत्र में यह कहा है कि रोजगार के लिए अधिक अवसर पैदा करने के लिए औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और अधिक निवेश किया जाएगा। वहीं क्षेत्रीय मजदूरों को यहां रोजगार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। स्कूल और विश्वविद्यालय में छात्रों को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाने के लिए राज्य सरकार एक राज्य प्रायोजित छात्र विनियम कार्यक्रम शुरू करेगी। बिहार में विश्वविद्यालयों की मान्यता के लिए नैक की तर्ज पर एक समिति की गठन करेगी, जिसमें कॉलेज, विश्वविद्यालयों की बुनियादी सुविधाओं की मॉनिटरिंग की जाएगी। राज्य सरकार सिविल सेवा, इंजीनियरिंग ,चिकित्सा, प्रबंधन आदि परीक्षाओं की तैयारियों के लिए प्रमंडल स्तर पर कोचिंग संस्थान के मानक तय कर स्थापना सुनिश्चित करेगी। भाजपा की सरकार बनी तो राज्य के प्रत्येक जिले में एक कैरियर परामर्श केंद्र की स्थापना की जाएगी । इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा। सरकार को इंटर्नशिप प्रोग्राम बनाकर कॉलेज के छात्रों को विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों में इसके तहत काम करवाया जाएगा ताकि उन्हें इसका अनुभव प्राप्त हो सके। सभी शिक्षण संस्थानों के लिए मानक तय कर वहां अच्छी स्तर की शिक्षा मुहैया कराने पर ध्यान दिया जाएगा। राज्य स्तर के सभी स्कूल ,कॉलेज , विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम के साथ सत्र नियमित किया जाएगा। राज्य स्तरीय कौशल युवा प्रोग्राम के माध्यम से और अधिक छात्रों को उचित ढंग से प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा।

किसानों को काफी तरजीह

भाजपा के इस घोषणापत्र में किसानों को काफी तरजीह दी गई है। शुरुआत केंद्र सरकार की उन योजनाओं से जिससे किसानों पर प्रभाव पड़ा है। उसको फोकस किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत ₹6000 देने और बिहार के कुल एक करोड़ 10 लाख 9 हजार 919 किसानों को सम्मान निधि योजना से जोड़ा जा चुका है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने क्या खर्च किया है, इस का ब्यौरा बताया गया है । भाजपा ने अपने इस घोषणापत्र में पीएम द्वारा 2015 में दिए गए विशेष पैकेज में कृषि संबंधित विकास के लिए 3094 करोड़ रुपए देने का भी जिक्र किया गया है। इस घोषणापत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में क्या कुछ किया गया , यह बताया गया है। साथ ही सरकार की तरफ से तालाब ,चेक डैम, नाला, पर कोलेशन टैंक और भूजल संचयन पर किए गए काम को भी दर्शाया गया है। वही इस घोषणा पत्र में यह भी बताया गया है कि कृषि एवं कल्याण किसान कल्याण मंत्रालय के तहत बिहार में 1310.17 हेक्टेयर जलाशयों का निर्माण किया गया।

भाजपा के घोषणा पत्र में बिहार सरकार ने किसान के लिए क्या कुछ किया है, इसकी भी विस्तार से चर्चा की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के साथ बिहार राज्य फसल सहायता योजना को किस तरह से चलाया जा रहा है और कितने किसान लाभान्वित हो रहे हैं। यह बताया गया है। राज्य सरकार ने बागवानी पर विशेष बल दिया है। इसको लेकर बिहार बागवानी विकास सोसायटी का गठन भी किया गया है। बागवानी करने वाले किसानों को 90% तक अनुदान का प्रावधान राज्य सरकार ने दिया है। वही इस घोषणापत्र में मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य जैविक खेती को करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने की भी चर्चा की गई है। इसमें किसानों को डीजल अनुदान ,ओलावृष्टि में किसानों को राशि, कृषि यंत्र के लिए अनुदान ,ई किसान भवन के निर्माण ,बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि की भी चर्चा की गई है।

इस घोषणापत्र में किसानों की स्थिति को लेकर फिर 15 साल बनाम 15 साल का आकलन किया गया है । फर्क को दिखाया गया है । यह बताया गया है कि किस तरह से 1990 से लेकर 2005 के बीच में जब फसल नष्ट होते थे तो लोग खाने पीने को तरस जाते थे। वही डेयरी के क्षेत्र में बिहार ने किस तरह से उपलब्धि हासिल की है । बिहार की बड़े से छोटे किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए राज्य सरकार ने जो योजना चलाई। मत्स्य उत्पादन में बिहार की क्या स्थिति रही, यह बताया गया है। घोषणा पत्र में यह चिन्हित किया गया है कि 2005 से पहले मुखिया के तरफ से यह कहा जाता था कि किसान के परिवार के लोग चरवाहा बनेंगे और 113 चरवाहा विद्यालय खोले गए थे। जबकि सरकार ने गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर प्रदेशों के किसानों को डिजिटल साक्षर करने का काम किया है।

भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही है। वही किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भूमि स्वास्थ्य कार्ड योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने की बात कही है। वही किस प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत गैर खाद्य उद्योग के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कवायद की जाएगी । बिहार में गुणवत्तापूर्ण बीजों की कमी को दूर करने के लिए बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में बीज उत्पादन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। किसान अपने उत्पाद को किसी भी बाजार में बेच सके इसको लेकर भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल बनाया गया है। उसको और भी मजबूत किया जाएगा।



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केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को मिलाकर भाजपा ने तैयार किया है घोषणा पत्र।

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