प्रखंड सभागार में चाक-चौबंद के बीच प्रखंड प्रमुख का चुनाव बुधवार काे हुआ, जिसमें उम्मीदवार कामिनी देवी ने पूर्व प्रमुख निलोफर यासमीन काे पराजित प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया। मत विभाजन में 51 मत में 35 मत कामिनी देवी काे मिले, जबकि पूर्व प्रमुख 13 मत मिले। वहीं दाे मत रद्द हाे गए। एक पंसस लेट से आने पर मतदान में भाग नहीं ले सकी।
इससे पहले एसडीओ पश्चिमी अनिल दास और एडीएम सह प्रेक्षक ओम प्रकाश की देख रेख में चुनाव की प्रक्रिया सदन में शुरू हुई। पूर्व प्रमुख निलोफर यासमीन और पंसस कामिनी देवी ने अपना-अपना नामांकन प्रस्तावकों के साथ किया। उसके बाद वाेटिंग प्रक्रिया चली।
सदन में 51 सदस्यों में एक सदस्य दिन के 12 बजे के बाद पहुंची, जिन्हें वाेटिंग के लिए सदन में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उसके बाद चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न होने के बाद दोनों अधिकारियों और सदन में बैठे सदस्यों के सामने गिनती शुरू की गई। मत गिनती में कामिनी देवी के विजयी हाेने पर दोनों अधिकारियों ने प्रमुख का प्रमाण पत्र दिया।
अधिकारियों ने सौंपा प्रमाणपत्र
पहली बार कामिनी देवी चुनाव जीतकर पंचायत समिति सदस्य बनी थी। उन्होंने जीत के बाद सदस्यों व अधिकारियों को शुभकामनाएं दी। मौके पर कार्यकारी प्रखंड प्रमुख उषा सिंह, रामसेवक राय, रामप्रवेश कुमार, शिवशंकर राय, पंसस अखिलेश तिवारी, राजीव कुमार, पंसस योगेन्द्र कुमार, ललन राम, डाॅली कुमार के अलावा अन्य थे।
विदित हाे कि उच्च न्यायालय के आदेश पर निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तिथि निर्धारित की थी। इससे पहले पूर्व प्रमुख निलोफर यासमीन पर प्रखंड मुख्यालय में भ्रष्टाचार करने के कई गम्भीर आरोप लगाते हुए सदन में पंचायत समिति सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। मतविभाजन में उनकी कुर्सी चली गई थी।
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