पटना हाईकोर्ट ने पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) के निर्माण के लिए ली गई जमीन का मुआवजा/क्षतिपूर्ति देने के बारे में पटना और जहानाबाद डीएम की रिपोर्ट को असंतोषजनक कहा। प्रतिज्ञा नामक संस्था की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने दोनों जिलों के डीएम को दोबारा रिपोर्ट देने के लिए 11 जनवरी तक की मोहलत दी।
कोर्ट ने कहा कि मुआवजा के रुपये अधिकृत अधिकारियों के खाते में जमा कर दी जाए, ताकि मुआवजा से जुड़े विवाद के निपटने के तुरंत बाद इसे जमीन के मालिकों को दे दिया जाए। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एनएचएआई और राज्य सरकार को एनएच के निर्माण कार्य में हुई प्रगति का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया था।
इसके जवाब में कोर्ट को बताया गया कि एनएचएआई ने एनएच के निर्माण कार्य को विभिन्न एजेंसियों के बीच बांट दिया है। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि भूमि अधिग्रहण का बहुत काम कर लिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी 2021 को होगी।
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