शहर के जमला रोड स्थित एक विवाह भवन में रविवार को महाराजा अहिबरन की जयंती समारोह पूर्वक मनी। जयंती समारोह में बड़ी संख्या में बरनवाल समाज के लोग शामिल हुए। इस मौके पर उच्च न्यायालय के वकील अजीत भारद्वाज ने महाराजा अहिबरन के जीवनी पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। महाराजा अहिबरन सूर्यवंशी वंश के महाराजा मधांता के 21 वे वंशज थे।

उन्होंने वर्तमान के बुलंदशहर की स्थापना की, जो प्राचीन काल में वरन प्रदेश था। आज भी उसके अभिलेख और सिक्कों का अवशेष लखनऊ संग्रहालय में रखा हुआ है। भरतजी बरनवाल ने परिवार के समरसता पर जोर दिया। राजन ने बरनवाल समाज के उत्थान पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सामाज में हमारी भूमिका अग्रणी हो। कार्यक्रम में बरनवाल महिला सेवा समिति भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। महिला सेवा समिति के तत्वावधान में म्यूजिकल चेयर गेम व सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।

जिसमें गीत-संगीत प्रतियोगिता, डांस प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता और चित्र कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें शामिल सभी बच्चो को बरनवाल सेवा समिति की तरफ से पुरस्कृत किया गया। अंकिता बरनवाल ने चित्र कला प्रतियोगिता में प्रथम और अंश बरनवाल द्वितीय स्थान और अमित तृतीय स्थान प्राप्त किए। गीत-संगीत के कार्यक्रम में माला बरनवाल ने सबका मन मोह लिया। मौके पर ब्रजकिशोर, रंजय, धीरज, प्रतीक आदि उपस्थित थे।



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