इस साल धान खरीद की रफ्तार पिछले साल की तुलना में लगभग 18 गुना अधिक तेज है। इस साल 2 जनवरी तक 92180 किसानों से 709899 टन धान खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस तिथि तक 4923 किसानों से मात्र 38428 टन धान की खरीद हो सकी है। पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना अधिक धान खरीद का लक्ष्य भी है।

इस साल 45 लाख टन धान खरीद का राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है, जिसे केंद्र से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव रोजाना धान खरीद की समीक्षा करते हैं। इस कारण जिलों के अधिकारी धान खरीद तेजी से कराने के लिए लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

मौसम अनुकूल होने से इस साल अधिक धान उत्पादन हुई है। धान बेचने वाले 71 प्रतिशत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर से धान की कीमत का भी भुगतान किया जा चुका है। लगभग 5500 पैक्स और व्यापारमंडल ने अभी तक धान खरीद शुरू कर दी है। इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपए निर्धारित है। पिछले साल लगभग 20 ख टन धान की खरीद हुई थी।

15 फरवरी तक पूरा कर लेंगे लक्ष्य
^किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दिलाना सरकार की प्राथमिकता है। धान खरीद की रफ्तार तेज है। हमारी कोशिश है कि इस साल 15 फरवरी तक ही धान खरीद का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए। कृषि समन्वयक को भी धान बेचने के लिए कोऑर्डिनेट करने के लिए कहा गया है। बिचौलियों को धान खरीद से अलग रखने के लिए सिस्टम को पारदर्शी बनाया गया है। -अमरेंद्र प्रताप सिंह, सहकारिता मंत्री



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धान खरीद (फाइल फोटो)

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