बंजरिया थाना क्षेत्र के एक गांव के सरेह में शनिवार को तीन बच्चों ने मिलकर एक चार वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर दिया। दुष्कर्म के बाद उसे खेत में तड़पता छोड़ सभी भाग निकले। बाद में परिजनों ने बच्ची को खोजा तो उसे खेत से लावारिश हालत में देख उसे इलाज के लिए आदापुर पीएचसी लेकर गए।

जहां से चिकित्सकों ने बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सदर अस्पताल भेज दिया। लेकिन सदर अस्पताल में बच्ची का इलाज नहीं होने पर मायूस परिजन उसे लेकर घर चले गए। बाद में सूचना पर पहुंची दरपा, बंजरिया व आदापुर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच मामले की जानकारी जुटाई। इसके बाद दुष्कर्म में शामिल तीनों लड़के को पुलिस ने अलग-अलग जगहों से अपने अभिरक्षा में ले लिया।

सूचना पर पहुंचे एसपी ने सदर अस्पताल पहुंच जाना बच्ची का हाल
सामूहिक दुष्कर्म की सूचना के बाद बंजरिया पुलिस रविवार को पीड़ित बच्ची को लेकर सदर अस्पताल आई। जहां बच्ची का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। वहीं परिजनों की सूचना पर सामूहिक दुष्कर्म की सूचना पर एसपी नवीन चंद्र झा ने सदर अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हालचाल जाना। साथ ही परिजनों से घटना के विषय में जानकारी ली। इस दौरान परिजनों ने चिकित्सकों द्वारा शनिवार की रात इलाज नहीं करने व पुलिस को बुलाकर लाने के बाद इलाज की बात कह वापस करने की सूचना दी।

बच्ची को सरेह में ले गए
बच्ची के परिजनों ने बताया कि बच्ची शनिवार की शाम घर के पीछे शौच करने गई थी। इस दौरान आरोपित बच्चों ने उसे बेर खिलाने के नाम पर बुलाकर गांव के सरेह में लेकर चले गए। बाद में बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसे वहीं लावारिश हाल में छोड़कर चले गए।

पुलिस की अभिरक्षा में हैं तीनों बच्चे
घटना को लेकर पीड़ित बच्ची के दादा के बयान पर महिला थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। महिला थानाध्यक्ष सरिता कुमारी ने बताया कि आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उसने घटना में शामिल तीन बच्चों को आरोपित किया है। बच्ची की मेडिकल जांच कराई जा रही है। पुलिस ने तीनों अारोपियों को अभिरक्षा में ले ली है।

डॉ. अरविंद ने कहा-पहले एफआईआर कराओ, फिर इलाज होगा
मोतिहारी | शनिवार की देर शाम बंजरिया प्रखंड की तीन वर्षीय रेप पीड़िता को परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी में लेकर आए थे। उस समय इमरजेंसी में डॉ. अरविंद कुमार की ड्यूटी थी। चिकित्सक ने पीड़िता का इलाज नहीं कर उसे वापस भेज दिया कि पहले पुलिस में एफआईआर दर्ज कराओ, उसके बाद इलाज होगा। इसके बाद पीड़िता के परिजन उसे लेकर घर चले गए, जहां उसकी स्थिति खराब होती रही। रविवार की सुबह बंजरिया थाना की पुलिस पीड़िता को लेकर सदर अस्पताल पहुंची। इसके बाद पीड़िता का इलाज शुरू हुआ। पीड़िता की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने डीएस व अस्पताल प्रबंधक को निर्देश दिया है कि मरीजों का इलाज सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने इमरजेंसी के चिकित्सक व कर्मियों से कहा है कि पहले इलाज करने के बाद कागजी खानापूर्ति करें और नगर थाना को सूचना दें।

डीएम ने सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी
मामले की जानकारी मिलने पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने संज्ञान में लेते हुए सिविल सर्जन से रिपोर्ट की मांग की है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर संलिप्त चिकित्सक व कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि इलाज पहले होना चाहिए। उसके बाद एफआईआर व कागजी कार्रवाई होनी चाहिए।

8, 9 व 11 वर्ष के हैं तीनों विधिसम्मत कार्रवाई होगी
एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि घटना में शामिल तीनों बच्चों की उम्र 8, 9 व 11 वर्ष है। उनपर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। शनिवार की रात बच्ची के इलाज में कोताही करनेवाले चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए डीएम को पत्र भेजा जाएगा।

फीवर होने के कारण इंफेक्शन का भी खतरा
बच्ची का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। बच्ची को फीवर होने के कारण उसे इंफेक्शन का खतरा भी जताया जा रहा है। वहीं बच्ची के रोने की आवाज सुनकर आसपास के वार्ड में इलाज कराने आई महिलाएं भी जमा हो गई थी।

शुक्रवार को महिला के साथ हुआ था दुष्कर्म का प्रयास
वही शुक्रवार को बंजरिया थाना क्षेत्र के एक गांव में एक युवक घर में सोई महिला के साथ दुष्कर्म करने की नीयत से घर में घुस कर छेड़खानी करने लगा। जिस पर महिलाओं द्वारा शोरगुल मचाने के बाद आस पास के लोग जमा हुए तब जाकर महिला बची।

एफआईआर दर्ज कर जुटाए जा रहे साक्ष्य
बंजरिया थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार पासवान ने बताया कि घटना को लेकर महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया की जा रही है। वही अन्य साक्ष्य जुटाने में लगी है। मामले को लेकर गांव में कई तरह की चर्चा हो रही है।



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