शहर में निकलने वाले कचरे के ढेर से प्लास्टिक अलग कर कोलकाता की एजेंसी सीमेंट कंपनी को सप्लाई करेगी। नगर निगम को इसके लिए अतिरिक्त राशि नहीं खर्च करनी पड़ेगी। एजेंसी ने सोमवार को मेयर व नगर आयुक्त से मिल कर 10 साल के लिए एग्रीमेंट करने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, निगम ने ट्रायल के तौर पर 3 माह के लिए ही अनुमति दी है।

कचरे के ढेर से प्लास्टिक अलग करने से निगम व शहर की बड़ी समस्या हल हो जाएगी। निगम चार साल से कचरे से खाद बना रहा है। इस दौरान गीले व सूखा कचरे को अलग किया जाता है। गीले कचरे से खाद बनती है, जबकि सूखे कचरे में 50 फीसदी प्लास्टिक हाेने से रौतनिया कूड़ा डंपिंग यार्ड में प्लास्टिक का ढेर लगा है, जाे निगम के लिए समस्या है।

एजेंसी ने निगम को प्रस्ताव दिया है कि रौतनिया कूड़ा डंपिंग से वह अपने खर्च पर कूड़े के ढेर से प्लास्टिक अलग कराएगी। इसके बाद प्लास्टिक सीमेंट व थर्मल कंपनी को सप्लाई करेगी।
कचरा चुनने वालाें को रोजगार भी देगी

दो एजेंसी के प्रतिनिधियाें ने नगर आयुक्त से मुलाकात की। दोनों ने कहा, शहर में कचरा बीनने वाले जो मजदूर हैं, उन्हें रोजगार भी दिया जाएगा। रौतनिया में कचरा से प्लास्टिक अलग करेंगे। इसे री-साइकिल किया जाएगा। नगर आयुक्त ने कहा, स्वच्छ भारत मिशन में कचरा निष्पादन करना है। इसके तहत एजेंसी को हर तरह का सहयोग किया जाएगा। तीन माह में परफॉरमेंस बेहतर रहा तो अवधि में विस्तार किया जाएगा।

इधर, रौतनिया कचरा डंपिंग यार्ड में शीघ्र प्लेटफॉर्म बनाने की पहल

राैतनिया कचरा डंपिंग यार्ड में खाद बनाने की प्रोसेसिंग को लेकर भारी-भरकम राशि खर्च करने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ। इस संबंध में महापौर सुरेश कुमार ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कहा, निरीक्षण में देखा गया है कि कचरा संग्रहण स्थल के सभी निर्माण अधूरे हैं। कचरा संग्रहण पिट को भी देखा गया। पिट लगभग तैयार है। उसमें प्लेटफॉर्म आदि कार्य बाकी है। उन्हाेंने कहा, शहर की प्रमुख समस्या कूड़े का निष्पादन करना है। ऐसे में अविलंब कचरा संग्रहण स्थल एवं पिट का कार्य कराया जाए, ताकि समस्या का सामाधान हो सके।



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Now the city's plastic waste agency will take it, will also give employment to waste pickers

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