भूमि सर्वेक्षण, चकबंदी एवं अंचलों की सुरक्षा की माॅनिटरिंग के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में डीआईजी स्तर के अधिकारी की तैनाती की जाएगी। शिविरों एवं गांवों में काम कर रहे सर्वेक्षण कर्मियों व पदाधिकारियों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी जिला आरक्षी अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित थाना प्रभारियों के जरिए इन कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कराएं।

विशेष कर गश्ती दल व महिलाकर्मियों की सुरक्षा पर नजर रखें। चौकीदारों से कहा गया है कि मौजों के त्रि-सीमाना पर लग रहे मोन्यूमेंटस की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी होगी। कई क्षेत्रों में भू-माफियाओं एवं दलालों से सर्वेक्षण कर्मियों को मिल रही धमकियों के मद्देनजर सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार के अनुसार भूमि सर्वेक्षण बिहार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। सरकार इसमें संसाधनों की कमी नहीं होने देगी। 5000 से ज्यादा कर्मियों को पिछले साल सर्वेक्षण के काम में लगाया गया है। जरूरत पड़ेगी तो और लोगों को बहाल किया जाएगा। तय समय के भीतर सर्वेक्षण का काम पूरा हो, इसके लिए विभाग कृतसंकल्पित है। भ्रष्टाचार एवं बेईमानी रोकने के लिए सरकार सजग है।
20 जिलाें में प्राथमिकता के आधार पर भूमि सर्वेक्षण का चल रहा काम
विभाग के अनुसार बिहार के जिन 20 जिलों में प्राथमिकता के आधार पर भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है, उनमें एमआईएस (मैनेजमेंट इन्फाॅर्मेशन सिस्टम) रिपोर्ट के आधार पर नालंदा, सुपौल एवं लखीसराय की रैंकिंग क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय है, जबकि अरवल, खगड़िया एवं बांका जिला का स्थान सबसे नीचे है।

एमआईएस रिपोर्ट प्रत्येक हफ्ते भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा तैयार एवं वितरित की जाती है। इसमें 14 बिन्दुओं पर सभी जिलों के कार्यों की समीक्षा की जाती है। चूंकि विशेष सर्वेक्षण में लगे सभी कर्मी कंप्यूटर के जानकार हैं। उनके सर्विस कंडीशन में लैपटाॅप पर काम करना अनिवार्य है, इसलिए उनके द्वारा भरे गए आंकड़ों के मुताबिक ही निदेशालय जिलों की रैंकिंग तैयार करता है।

8 जिलों में हुआ शत-प्रतिशत काम, अररिया में 50 प्रतिशत
साल के आखिरी हफ्ते की रिपोर्ट के मुताबिक समाहर्ता, अपर समाहर्ता-सह-प्रभारी पदाधिकारी (बंदोबस्त) एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (मु.) द्वारा की गई मासिक बैठक सभी जिलों में शत-प्रतिशत रही। शिविरों में आधारभूत सुविधाओं जैसे- भवन, बिजली, पानी, सुरक्षा, संपर्क आदि के मामलों में 8 जिले शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। पिछड़े जिलों में अररिया है, जहां 50% ही काम हुआ है, जबकि कटिहार में 68% और बेगूसराय में 70% काम हुआ है। अमीन के लिए उपस्करों की खरीद अररिया में बिलकुल नहीं की गई है, जबकि कटिहार में 53% खरीद हुई है।

सर्वेक्षण में 3 एजेंसियों की ली जा रही सेवा
बिहार के अधिकांश इलाकों की हवाई फोटोग्राफी एवं उसके आधार पर विशेष सर्वेक्षण मानचित्र बनाने का काम हवाई एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए तीन हवाई एजेंसियों की सेवाएं ली जा रही हैं। भूमि सर्वेक्षण में किस्तवार काम इन्हीं एजेंसियों को आधुनिक तकनीक की मदद से करना है, जबकि जमीन पर जाकर सर्वेक्षण कर्मियों को सत्यापन, प्रारूप प्रकाशन एवं सुनवाई करनी है। हाईब्रिड तकनीक से भूमि सर्वेक्षण के लिए आईआईसी, हैदराबाद, जीआईएससी एवं दिल्ली की एजेंसी आईएल एंड एफएस को हायर किया गया है।

इन नंबरों पर कर सकते है फोन/ वाट्सएप

भ्रष्टाचार पर रोक लगाने एवं लोगों के सुझावों को आमंत्रित करने के लिए हाल ही में पीआरआई नंबर 0612-2280012 एवं वाट्सएप नंबर 6299923536 जारी किया गया है।



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