नेपाल के वीरगंज से अपहृत दो बच्चे रविवार की रात भागकर जक्कनपुर थाने पहुंच गए। दोनों बच्चों में प्रणेश शर्मा के पिता दीपेश शर्मा वीरगंज रजिस्ट्री ऑफिस में कार्यरत हैं। वहीं शिवेश गुप्ता के पिता जगन्नाथ प्रसाद होटल चलाते हैं। दोनों बच्चों ने जब पुलिस से बताया कि उनका अपहरण हो गया है और वे भागकर थाने पहुंचे हैं तो पुलिस के होश ही उड़ गए।
पुलिस जब बच्चों से पूछताछ की तब पूरे मामले की जानकारी हुई। जक्कनपुर थाने की पुलिस ने नेपाल पुलिस को मामले की जानकारी दे दी है। बताया गया कि नेपाल पुलिस और बच्चों के माता पिता पटना पहुंच रहे हैं। थानेदार मुकेश वर्मा ने कहा कि नेपाल पुलिस पटना पहुंच रही है।
मामले में जांच चल रही है। मीठापुर और आसपास के इलाके में हमारी पुलिस छापेमारी भी कर रही है। प्रणेश की बुआ दीपिका क्षेत्री पटना में ही रहती हैं। दीपिका ने कहा कि प्रणेश और शिवेश दोनों दोस्त है। शनिवार को दोनों ट्यूशन पढ़कर लौटने के बाद साइकिल लगाकर बैडमिंटन खेल रहे थे।
तभी दोनों को नशीला पदार्थ खिलाकर अपहरण कर लिया गया। अपहर्ताओं ने गाड़ी में दोनों का साइकिल भी रख लिया था। इस संबंध में बीरगंज थाने में शनिवार को मामला भी दर्ज कराया गया है। हालांकि दीपिका क्षेत्री ने कहा कि उनके भाई को फिरौती का कोई फोन नहीं आया था।
गाड़ी छोड़कर खाना खाने चले गए अपहर्ता तो मिल गया मौका
हुआ यह कि अपहर्ता एक गाड़ी से दोनों बेहोश बच्चों का अपहरण कर पटना लेकर पहुंचे थे। मीठापुर स्टैंड में गाड़ी लगाकर अपहर्ता खाना खाने रुके। सभी गाड़ी छोड़कर होटल में खाना खाने चले गए। इस बीच दोनों बच्चों को होश आ गया। दोनों बच्चे अपनी साइकिल लेकर गाडी़ से उतर गए और वहां से भाग खड़े हुए। दोनों रास्ते में लोगों से थाने के बारे में पूछा और सीधे जक्कनपुर थाने पहुंच गए। पूछने पर दोनों बच्चों ने कहा कि मुझे कुछ याद नहीं है कि मैं यहां कैसे पहुंचा और कौन मुझे यहां लेकर आया।
छानबीन में जुटी पटना पुलिस, खंगाल रही फुटेज
अब सवाल यह है कि क्या दोनों बच्चों का अपहरण कर पटना ही लाया जा रहा था या फिर दोनों को अपहर्ता किसी और जिले ले जा रहे थे। बच्चों से पूछताछ के बाद जक्कनपुर थाने की पुलिस भी जांच शुरु कर दी। थाने की पुलिस बच्चे की निशानदेही पर मीठापुर बस स्टैंड और आसपास का कैमरा खंगाल रही है।
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