जानकारी के बावजूद प्रखंड कृषि कार्यालय की उदासीनता के कारण हजारों एकड़ में लगी मक्का की फसल पर बर्बादी का खतरा मंडरा रहा है। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों के किसानों को यह नहीं सूझ रहा है कि वह करें को क्या करें। उनके मक्के की फसल बर्बादी के कगार पर है। यह तब है जब कृषि विभाग को किसानों ने इसकी जानकारी दी थी। सूचना पर किसान सलाहकार ने 10 दिन पूर्व मक्के के पौधे का निरीक्षण भी किया था। लेकिन इसके निराकरण के लिए किसी प्रकार के कीटनाशक के छिड़काव की अनुसंशा वह 10 दिन बाद तक नहीं कर सके हैं। जबकि निरीक्षण के दौरान किसान सलाहकार ने कीड़े की प्रजाति की जांच डॉक्टर से कराकर दवा बताने का आश्वासन दिया था। बताते चले कि अज्ञात कीड़ों द्वारा प्रखंड के कई पंचायतों में मक्के के पौधे खा लिए जाने के कारण किसान परेशान है। इसका खासा असर पंचरुखा पूर्वी, सिसवा पूर्वी, जटवा जनेरवा, फुलवार समेत कई अन्य पंचायतों में देखने को मिल रहा है। पंचरुखा पूर्वी पंचायत के सुंदरपुर में कीड़ा द्वारा खेती को ज्यादा ही प्रभावित किया है। किसान अनवर आलम, हरदयाल कुशवाहा, आनन्द प्रकाश, हाफिज असदुल्लाह ने बताया कि कीड़ा मक्के के पौधे के कंठ को काट रहा है। वही पत्ते को भी काफी नुकसान पहुंचा रहा है। किसानों ने दुकानों में मिलने वाले कीटनाशक का काफी प्रयोग किया बावजूद इसके कीड़ों पर कोई प्रभाव नही पड़ रहा है। जिसके कारण किसानों का मेहनत व हजारों रुपया दिन व दिन उनके आंखों के सामने बर्बाद हो रहा है।
कीड़े द्वारा नष्ट किए गए मक्के के पौधे।
किसानों के प्रति जवाबदेह नहीं हैं अधिकारी
किसान बताते हैं कि पिछले वर्ष भी मक्का में दाना नही आने के कारण किसानों का लाखों रुपए बर्बाद हो गया। वही सरकारी स्तर पर भी कोई मुआवजा नही मिला। जिससे किसान उबर भी नहीं पाए थे, इस वर्ष कीड़ों का प्रकोप किसानों को डरा रहा है। किसानों बताते है कि प्रखंड में कृषि कार्यालय व कर्मचारी नाममात्र के ही है। उनका किसानों के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है। जब भी किसानों को जरूरत होती है तो उन्हें खोजना पड़ता है। जबकि प्रत्येक पंचायत में किसान सलाहकार की नियुक्ति की गई है।
किसान सलाहकार को क्षेत्र में भेजा जा रहा है
किसान सलाहकार के क्षेत्र में नहीं जाने के बारे में पूछने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी बिक्रमा माझी ने बताया कि आज ही गुरुवार को किसान सलाहकार को क्षेत्र में भेजा जा रहा है। जो किसानों को कीड़े मारने के लिए उचित दवा बताएगा।
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कीड़े द्वारा नष्ट किए गए मक्के के पौधे।
किसानों के प्रति जवाबदेह नहीं हैं अधिकारी
किसान बताते हैं कि पिछले वर्ष भी मक्का में दाना नही आने के कारण किसानों का लाखों रुपए बर्बाद हो गया। वही सरकारी स्तर पर भी कोई मुआवजा नही मिला। जिससे किसान उबर भी नहीं पाए थे, इस वर्ष कीड़ों का प्रकोप किसानों को डरा रहा है। किसानों बताते है कि प्रखंड में कृषि कार्यालय व कर्मचारी नाममात्र के ही है। उनका किसानों के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है। जब भी किसानों को जरूरत होती है तो उन्हें खोजना पड़ता है। जबकि प्रत्येक पंचायत में किसान सलाहकार की नियुक्ति की गई है।
किसान सलाहकार को क्षेत्र में भेजा जा रहा है
किसान सलाहकार के क्षेत्र में नहीं जाने के बारे में पूछने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी बिक्रमा माझी ने बताया कि आज ही गुरुवार को किसान सलाहकार को क्षेत्र में भेजा जा रहा है। जो किसानों को कीड़े मारने के लिए उचित दवा बताएगा।
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