ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव के नाम पर संवेदक से 12 लाख रुपये की ठगी के मामले में स्थानीय सहायक अभियंता संदेह के घेरे में आए हैं। ठगी का सीधा तार मुजफ्फरपुर से जुड़ा है जहां उक्त सहायक अभियंता लम्बे समय तक पदस्थापित रह चुके हैं। मालूम हो कि गत शुक्रवार को ग्रामीण कार्य विभाग सचिव विनय कुमार के कथित नाम फोन से दो संवेदक का फोन नम्बर मांगा गया तो उन्होंने बेनीपुर डिवीजन के दो सबसे क्रियाशील संवेदक कमलेश झा एवं सुमनजी झा को फोन कर उक्त फोन पर बातचीत करने का आदेश दिया। जबकि सहायक अभियंता स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि विभागीय सचिव से मुझे पूर्व में भी बातचीत हो चुकी है। ठेकेदार दोनों के निर्देश का पालन करते हुए 6 लाख रुपये जमा कर दिया। वैसे तो दूसरे संवेदक के मनोबल को दाद दी जानी चाहिए जो सीधे गुगल से विभागीय सचिव का फोन नम्बर निकालकर सचिव विनय कुमार को फोन लगा दी। और सचिव फ्रॉड बताते हुए प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया, तो क्या उक्त सहायक अभियंता को पूर्व में भी उक्त सचिव की ओर से किसी संवेदक से सीधी बात कराने का निर्देश दिया था। वे करवाये थे या नहीं यह तो पुलिस जांच में स्वतः स्पष्ट हो जाएगी।



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