सिटी रिपोर्टर | औरंगाबाद नगर

अब आगनबाड़ी सेविकाएं दिव्यांग बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में पहचान करेंगी। इसको लेकर आइसीडीएस विभाग ने निर्देश जारी किया है। अभी तक स्वास्थ्य विभाग ही दिव्यांग बच्चों की पहचान में सहयोग कर रहा था लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग के साथ आईसीडीएस भी दिव्यांग बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में पहचान करने का कार्य करेगा। इसको लेकर आईसीडीएस के सहायक निदेशक ने सभी आईसीडीएस डीपीओ को पत्र लिखकर इस संबंध में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है। जिले में दिव्यांग बच्चों का ब्योरा रखना जिला प्रारंभिक पहचान केंद्र(डीआईएसी) की जिम्मेदारी होती है। लेकिन सेविकाएं दिव्यांग बच्चों की प्रारम्भिक अवस्था में पहचान कर जिला प्रारंभिक पहचान केंद्र को जानकारी देगी। पत्र में उल्लेख किया गया है कि बाल विकास पदाधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि चिन्हित दिव्यांग बच्चों का ब्योरा डीआईएसी को समय से उपलब्ध हो पाए।

समय से उपचार में होगी आसानी

दिव्यांग बच्चों की समय से पहचान होना जरुरी होता है। इससे चिन्हित बच्चों को बेहतर उपचार प्राप्त होने की संभावनाएं अधिक होती है। साथ ही दिव्यांग आम बच्चों की तरह एक सामान्य जीवन जी सके। इसे ही ध्यान में रखते हुए बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में ही दिव्यांग होने का पता लगाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका अहम होगी। आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने पोषक क्षेत्र में घरों का दौरा भी करती हैं। साथ ही अन्नप्राशन्न एवं गोदभराई जैसे अन्य गतिविधियों का भी आयोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर होता है। जिसमें माताओं के साथ शिशु भी शामिल होते हैं। इसलिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को लक्षण के आधार पर दिव्यांग बच्चों की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

दिव्यांगो का देना होगा पूरा ब्योरा

विभागीय आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि बाल विकास पदाधिकारी को चिन्हित दिव्यांगों का पूरा ब्योरा प्रपत्र में भरकर देना होगा। जिसमें जिला का नाम, परियोजना का नाम, दिव्यांग का नाम, उसके माता एवं पिता का नाम एवं दिव्यांगता के प्रकार की जानकारी देनी होगी। वहीं इसके तहत दृष्टी,बहरापन, मूकबधिर, शारीरिक अपंगता व मानसिक अपंगता की पहचान की जाएगी। इस संबंध में आइसीडीएस की डीपीओ रीना कुमारी ने बताया कि विभागीय आदेश के अनुसार सभी प्रखंडों की सीडीपीओ को निर्देश दिया जा रहा है। ताकि दिव्यांग बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान हो सके।



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Aurangabad(Bihar) News - servants will identify children with disabilities in their early stages

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