बिहार बंद के दौरान डाकबंगला चौराहे पर सीएए और एनआरसी के विरोध में उतरे लोगों को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के माध्यम से देश को बांटने की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि इन दोनों बिल का मकसद देश में नफरत फैलाना है। उन्होंने कहा कि यह संविधान बचाने की लड़ाई है, जिसे अंतिम सांस तक लड़ा जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री पर सांप्रदायिक शक्तियों के सामने समर्पण करने का आरोप लगाया। कहा, लालू प्रसाद ने कभी साम्प्रदायिक शक्तियों से हार नहीं मानी, जिसकी वजह से वे आज जेल में हैं। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति करने वाली शक्तियों के खिलाफ हमारी लडाई जारी रहेगी। हम ऐसे किसी भी कानून को नहीं मानेंगे, जो देश को बांटने की बात करता हो। तेजस्वी ने कहा राजद ही वह पहली पार्टी है, जिसने सबसे पहले इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

इससे पहले तेजस्वी के नेतृत्व में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय से डाकबंगला तक मार्च किया। सीएए और एनआरसी के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने कहा कि बंद स्वत:स्फूर्त था और बंद की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार और देश की जनता इस कानून के विरोध में खड़ी है। बंद में रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, कांति सिंह, जयप्रकाश नारायण यादव, भाई वीरेंद्र, डॉ. प्रेम गुप्ता समेत बड़ी संख्या में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।

मांझी के बिना बंद के समर्थन में उतरा हम : सीएए और एनआरसी पर राजद के बिहार बंद के समर्थन में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने राजधानी में जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी बंद में शामिल नहीं हुए। बंद में पार्टी का नेतृत्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र प्रसाद कर रहे थे। उपेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हड़ताली मोड़ से डाकबंगला तक पैदल मार्च किया।

बंद में शामिल हुई वीआईपी, किया डाकबंगला चौराहा जाम

विकासशील इंसान पार्टी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ बुलाए गए बिहार बंद को सफल करार दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा देश में नफरत की राजनीति कर देश में सांप्रदायिक माहौल बना रही है। बंद के दौरान वीआईपी के कार्यकर्ताओं ने डाकबंगला चौराहा जाम किया। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी सड़क पर नहीं दिखे।

महागठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने डाकबंगला चौराहे तक किया मार्च, कानून के विरोध में जमकर नारेबाजी की

डाकबंगला चाैराहे पर बिहार बंद के दाैरान प्रदर्शन करती छात्राएं और सीएए, एनअारसी गाे बैक के नारे के साथ प्रदर्शन करता वीअाईपी का कार्यकर्ता।

सीएए के जरिए देश को बांट रही है भाजपा, केंद्र से वापस लेने की मांग

पटना | बिहार बंद के समर्थन में उतरी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भाजपा पर नागरिकता संशोधन कानून के जरिए देश को बांटने का आरोप लगाया है। बंद के दौरान डाकबंगला चौराहे में पर जुटे समर्थकों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नया कानून भारत के संविधान के खिलाफ है, जो देश के नागरिकों के बीच धर्म के आधार पर भेद करता है। उन्होंने केन्द्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राष्ट्रीय जनता दल द्वारा बुलाए गए बन्द का प्रदेश कांग्रेस ने समर्थन किया था। बंद के दौरान प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता साढ़े दस बजे से एक बजे तक केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा धरना दिया। डाकबंगला पर पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह, शकील अहमद खान, पूनम पासवान के अलावा ब्रजेश पाण्डेय, राजेश राठौड़, जनार्दन शर्मा, लाल बाबू लाल, मनोज कुमार सिंह, नागेन्द्र कुमार विकल, गुंजन पटेल, आशुतोष शर्मा, सत्येन्द्र बहादुर, आभा देवी, आनन्द माधव, अजय सिंह टुन्नू, राजेश कुमार सिन्हा, वशी अख्तर कुमार, आशीष, पुरुषोत्तम मिश्र, दौलत इमाम समेत बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता शामिल थे। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शनिवार को बुलाए गए बिहार बंद की सफलता के लिए राज्य की जनता को धन्यवाद किया है। उन्होंने बंद को स्वत:स्फूर्त बताया। कहा, भाजपा ने डाकबंगला संविधान की आत्मा के खिलाफ है। उन्होंने केन्द्र से इस कानून को वापस लेने की मांग की है।

हिंसा के लिए केंद्र जिम्मेदार

नीतीश एनआरसी लागू करने से नहीं रोक सकंेगे : कुशवाहा

पटना | रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ बिहार बंद को शांतिपूर्ण बताया। डाकबंगला चौराहा पर कुशवाहा ने कहा कि जब भारत सरकार एनआरसी लागू कर देगी तो बिहार में नीतीश सरकार बिहार में इसे नहीं रोक सकेगी। विदेशी को नागरिक बनाने का कानून बनाया गया है, लेकिन अपने ही देश के नागरिकों से जन्म प्रमाण पत्र मांगना गलत है। सीएए और एनआरसी से मुसलमान ही नहीं, हिंदू, दलित, महादलित, पिछड़ा व अति पिछड़ा को सरकार परेशान कर रही है। सरकार सही गरीबों का नाम बीपीएल सूची में नहीं जोड़ पायी तो सही नागरिकों को नागरिकता कहां मिलेगी। हिंसा हो रही है तो इसके लिए लोग नहीं, भारत सरकार जिम्मेदार है। पूरा देश जल रहा है। हिंसा के लिए सरकार दोषी है।

कांग्रेस की चुप्पी पर पीके ने उठाए सवाल

एनआरसी लागू नहीं करने की घोषणा करें कांग्रेस के मुख्यमंत्री

पटना | जदयू नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में कांग्रेस की कम भागीदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार को प्रशांत ने इस मामले में ट्वीट किया। पीके ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता इन प्रदर्शनों में खुलकर शामिल हों और कांग्रेस के सीएम अपने यहां एनआरसी नहीं लागू करने का ऐलान करें। अन्यथा इस प्रकार की बयानबाजी के कोई मायने नहीं रह जाते हैं। सोनिया गांधी जैसी शख्सियत द्वारा इस संबंध में वीडियो जारी करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर शुक्रवार देर रात जरूर एक वीडियो जारी किया था।

बिहार बंद ने राजद के जंगलराज की याद ताजा कर दी

पटना | जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि बिहार बंद ने राजद के जंगलराज की याद ताजा कर दी। नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी का हवाला देकर बुलाए गए बंद से आम आदमी ही परेशान रहा। बंद समर्थक सड़क पर आम आदमी को पीट रहे थे। बंद समर्थकों की गुंडागर्दी की तस्वीरें बता रही है कि आम जनता को कैसे निशाना बनाया जा रहा। आम लोगों की सहभागिता नहीं होने से बंद पूरी तरह विफल हो गया। तेजस्वी यादव बताएं विपक्ष में रहकर जो ऐसी गुंडागर्दी करे उसे जनता सत्ता क्यों देगी? जंगलराज वालों का चरित्र आज भी नहीं बदला है।

एनआरसी व सीएए का विपक्षी दलों ने किया विरोध

बंद लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन नहीं, राजनीतिक गुंडागर्दी

पटना | उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर विपक्ष के बिहार बंद को राजनीतिक गुंडागर्दी बताया है। कहा कि राजद को पहले से पता था कि उनके बिहार बंद को सिवा एक गुमराह समुदाय के कट्टरपंथियों के अलावा नागरिकता कानून को ठीक से समझने वाले एक भी आदमी का समर्थन नहीं मिलने वाला है, इसलिए वे पेट्रोल, माचिस और तेल पिलायी लाठी लेकर शांतिपूर्ण लोगों को अपने जंगलराज की याद दिलाने निकले थे। इनका बिहार बंद लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन नहीं, राजनीतिक गुंडागर्दी था। राजद के प्रदर्शन में बच्चों का इस्तेमाल हुआ।



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