शून्य नवाचार कार्यक्रम के तहद शनिवार को शहर के बीपी स्कूल में विभिन्न प्रखंडों के चयनित स्कूलों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर करने को लेकर विभिन्न तरह की प्रदर्शनी लगाई। प्रदर्शनी के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपने-अपने स्कूलों में शिक्षा के प्रचार प्रसार और बच्चों को स्कूलों से जोड़कर रखने के लिए किए जा रहे बेहतर प्रयासों को बताया। दरअसल अरबिंदो सोसायटी और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार आयोजित प्रदर्शनी मेले में शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) के जिला स्तरीय प्रदर्शनी में बिना किसी अतिरिक्त खर्च के शिक्षक व्यवस्था को बेहतर बनाने से संबंधित सोच को दिखाना था। जिसमें जिले के अलग-अलग प्रखंडों के विभिन्न विद्यालयों के एचएम और शिक्षकों ने अपनी-अपनी प्रदर्शनी लगई। मालूम हो कि शून्य निवेश नवाचार कार्यक्रम के तहत सोसायटी द्वारा इसके लिए प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया था। जिसमें प्रशिक्षण पाने वाले शिक्षक- शिक्षिकाओं ने शिक्षण अधिगम को बच्चों के लिए रोचक बनाने की खातिर शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण किया था। जिसे लेकर शनिवार को शिक्षक-शिक्षिकाएं जिला स्तरीय प्रदर्शनी में पहुंचे थे।
गणित, विज्ञान पर आधारित थे प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में लगाए गए टीएलएम को देखकर शिक्षक-शिक्षिकाओं को इन टीएलएम को तैयार करने में कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता था। ज्यादातर टीएलएम या प्रदर्शनी गणित, विज्ञान पर आधारित थे। जबकि कुछ टीएलएम स्कूल की संरचना और स्कूल में किए जा रहे बेहतर प्रयासों को बता रहा था। जबकि कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के शब्दों और व्याकरण के शिक्षण को रोचक बनाने को लेकर टीएलएम तैयार किए थे।
अरबिंदो सोसायटी और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन
बीपी स्कूल में शिक्षक द्वारा बनाया गया अपने स्कूल का मॉडल।
प्रदर्शनी में बेकार पानी को पीने लायक बनाने के बारे में दिया
इसके अलावे उत्क्रमित मध्य विद्यालय मक्खाचक ने बेहतर विद्यालय की मिशाल पेश की। प्रदर्शनी में शिक्षकों ने दिखाया कि कैसे उनके विद्यालय में बेकार पानी को पीने लायक बनाया जाता है, कैसे रंगों की पहचान गमलों से होती है। इसके अलावे खेल-खेल में कैसे गणित को हल किया जाता है। इसके अलावे विद्यालय की स्वच्छता, अनुशासन सहित अन्य गतिविधि जो इसे आम सरकारी विद्यालयों से अलग कराता है इसको प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया था। इसके अलावे भी अलग-अलग तहर की प्रदर्शनी में शिक्षा को बेहतर बनाने के एक से एक टीएलएम को विभिन्न स्टॉलों में लगाया गया था।
उद्घाटन के साथ ही हुआ समापन
कार्यक्रम दस बजे शुरू होना था। जिसको लेकर चयनित शिक्षकों ने अपने-अपने स्टॉल को इससे पूर्व ही तैयार कर लिया था। लेकिन उद्घाटन की आस में यह कार्यक्रम तीन बजे तक विधिवत रूप से शुरू ही नहीं हो सका। तीन बजे के बाद डीईओ आए। इसके बाद कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ और उनके संबोधन के बाद ही कार्यक्रम समाप्त हो गया। ज्ञात हो कि अरबिंदो सोसाइटी के कार्यकर्त्ता डीएम से कार्यक्रम का उद्घाटन कराना चाहते थे, हलांकि डीईओ ने तीन दिन पहले ही डीएम के आने पर संशय बताया था। शनिवार को जब डीएम नहीं आए तो डीईओ से शाम को उद्घाटन कराया गया।
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गणित, विज्ञान पर आधारित थे प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में लगाए गए टीएलएम को देखकर शिक्षक-शिक्षिकाओं को इन टीएलएम को तैयार करने में कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता था। ज्यादातर टीएलएम या प्रदर्शनी गणित, विज्ञान पर आधारित थे। जबकि कुछ टीएलएम स्कूल की संरचना और स्कूल में किए जा रहे बेहतर प्रयासों को बता रहा था। जबकि कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के शब्दों और व्याकरण के शिक्षण को रोचक बनाने को लेकर टीएलएम तैयार किए थे।
अरबिंदो सोसायटी और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन
बीपी स्कूल में शिक्षक द्वारा बनाया गया अपने स्कूल का मॉडल।
प्रदर्शनी में बेकार पानी को पीने लायक बनाने के बारे में दिया
इसके अलावे उत्क्रमित मध्य विद्यालय मक्खाचक ने बेहतर विद्यालय की मिशाल पेश की। प्रदर्शनी में शिक्षकों ने दिखाया कि कैसे उनके विद्यालय में बेकार पानी को पीने लायक बनाया जाता है, कैसे रंगों की पहचान गमलों से होती है। इसके अलावे खेल-खेल में कैसे गणित को हल किया जाता है। इसके अलावे विद्यालय की स्वच्छता, अनुशासन सहित अन्य गतिविधि जो इसे आम सरकारी विद्यालयों से अलग कराता है इसको प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया था। इसके अलावे भी अलग-अलग तहर की प्रदर्शनी में शिक्षा को बेहतर बनाने के एक से एक टीएलएम को विभिन्न स्टॉलों में लगाया गया था।
उद्घाटन के साथ ही हुआ समापन
कार्यक्रम दस बजे शुरू होना था। जिसको लेकर चयनित शिक्षकों ने अपने-अपने स्टॉल को इससे पूर्व ही तैयार कर लिया था। लेकिन उद्घाटन की आस में यह कार्यक्रम तीन बजे तक विधिवत रूप से शुरू ही नहीं हो सका। तीन बजे के बाद डीईओ आए। इसके बाद कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ और उनके संबोधन के बाद ही कार्यक्रम समाप्त हो गया। ज्ञात हो कि अरबिंदो सोसाइटी के कार्यकर्त्ता डीएम से कार्यक्रम का उद्घाटन कराना चाहते थे, हलांकि डीईओ ने तीन दिन पहले ही डीएम के आने पर संशय बताया था। शनिवार को जब डीएम नहीं आए तो डीईओ से शाम को उद्घाटन कराया गया।
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