नगर निगम प्रशासन एक फरवरी से दैनिक वेतनभोगी चतुर्थवर्गीय कर्मियों से काम नहीं लेगा। गुरूवार को दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने आपात बैठक कर निर्णय लिया है कि वे आउटसोर्सिंग के माध्यम से किसी निजी कंपनी के अंदर रहकर काम नहीं करेंगे। नगर निगम ने 1 फरवरी से सफाई सहित ग्रुप डी का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से करने की तैयारी भी शुरु कर दी है। आउटसोर्सिंग का काम करने के लिए देश की पांच कंपनियों ने निविदा भी गिरा दी है। जिसमें मुंबई की ए-वन टेक्नोलॉजी एंड सर्विस कंपनी, पटना की भरोसा सेक्युरिटी एंड मैनेजमेंट कंपनी, कोलकाता की जीनियस इंफोटेक और पीसी आइसलैंड तथा पूर्णिया की महाकाल कंस्ट्रक्शन ने टेंडर गिराया है। जिसका टेक्निकल बीड भी 28 जनवरी को खुल गया। वहीं नगर निगम बेगूसराय द्वारा 29 जनवरी को टेक्निकल एप्रुवल के लिए बुडको के पास भेज दिया है। अब जो कंपनी टेक्निकल और फाइनेंशियल बीड में सक्सेस होगी। उस कंपनी के माध्यम से नगर निगम में सफाई, सहित ग्रुप डी की अन्य कार्य लिए जाएंगे। संभावना है कि आज किसी समय प्राइस बिड होने की संभावना है।

नगर निगम में मात्र 35 कर्मी है स्थायी

नगर निगम में अभी मात्र 35 से 40 चतुर्थवर्गीय कर्मी स्थायी है, वहीं करीब 500 कर्मी दैनिक वेतन पर काम करते है, जिनमें से करीब 200 कर्मी विगत 10 वर्षों से अधिक समय से नगर निगम में काम कर रहे हैं।

सरकार के इस निर्णय का संघ ने किया विरोध

अराजपत्रित कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय सचिव शशिकांत राय ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का संघ ने पहले भी कड़ा प्रतिरोध किया है, लेकिन सरकार हमारी मांगों पर विचार करने की जगह आदेश जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि हम जल्द आपात बैठक कर सरकार से इन निर्णय को वापस लेने की मांग करेंगे। यदि हमारी मांग नहीं मानी गई तो पूरे बिहार के नगर निकाय के कर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे।


आउट सोर्सिंग के लिए पांच कंपनियों ने निविदा गिराई

पूर्व मेयर बोले- विचार नहीं हुआ

पूर्व मेयर संजय कुमार ने कहा कि अगर पूर्व में अगर न्यायालय के आदेश का अनुपालन किया गया होता तो, नगर निगम में स्वीकृत पदों पर बहुत सारे कर्मी को स्थायी नौकरी हो जाती है, लेकिन 4 वर्षों से उस पर कोई विचार नहीं किया गया। जबकि मजदूर लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते रहे। अब मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है। आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

मेयर बोले- नुकसान नहीं होगा

मेयर उपेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि आउटसोर्सिंग की व्यववस्था होने से मजदूरों को नुकसान नहीं होगा। नगर निगम में काम करने वाले सभी मजदूरों को काम लेने वाली कंपनी के माध्यम से एडजस्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। जो कंपनी काम करेंगी वह मानक के अनुरूप चतुर्थवर्गीय कर्मी को सैलरी और सेफ्टी की सुविधा मुहैया कराएंगी। साथ ही बताया कि नगर निगम कंपनी को सिर्फ कचरा उठाव के लिए वाहन व अन्य संसाधन उपलब्ध करवाएंगी।

सेवा नहीं ली जाएगी

नगर आयुक्त अब्दुल हमीद ने बताया कि लोकायुक्त के आदेश का पालन करते हुए 1 फरवरी से दैनिक वेतनभोगी चतुर्थवर्गीय कर्मचारी से सेवा नहीं ली जाएगी। साथ ही बताया कि अगर दैनिक वेतनभोगी कर्मी चाहेंगे तो उन्हें कंपनी को कहकर एडजस्ट कर दिया जाएगा।

मजदूर संघ ने की बैठक

गुरुवार को नगर निगम कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष गिरीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में कर्मियों ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो निर्णय सुनाया गया है, उसे लागू किया जाय, फिर लोकायुक्त द्वारा जारी आदेश जारी किया गया है उसे लागू किया जाए।

बैठक करते सफाईकर्मचारी संघ के सदस्य।



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Begusarai News - from february 1 the municipal corporation will not take work from daily wage earners

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