शोध में नकल करने वालों की अब खैर नहीं है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। अब शोधार्थियों को अपने टॉपिक पर शोध करने से पहले इस बात का सर्टिफिकेट देना होगा कि उस विषय पर शोध नहीं हुआ है। कुलसचिव श्यामानंद झा ने बताया कि यह कदम शोध की गुणवत्ता को निखारने के लिए उठाया गया है। विश्वविद्यालय को शिकायत मिली है कि कई शोधार्थी दूसरे शोधार्थी की शोध का नकल कर पीएचडी का सर्टिफिकेट ले रहे हैं। वैसे शोधार्थियों पर नकेल कसने के लिए प्लेगरिज्म एेप बनाया गया है, जो शोधार्थी के शोध की जांच करेगा। एेप से जांच होने के बाद यदि किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिलने पर शोधार्थी का ओपन वाईवा होगा। इस बीच, सिंडिकेट के कई सदस्यों ने बताया कि यह निर्णय विश्वविद्यालय द्वारा बहुत पहले ही बनाया गया था। जिसकी वजह से कई शोधार्थियों का वाइवा नहीं हो सका था। जो शोधार्थी अपना थीसिस जमा कर चुके थे, उन्हें प्लेगरिज्म की जांच कराने को कहा जा रहा था। जिस वजह से शोधर्थियों की परेशानी भी बढ़ गयी थी।

14 मार्च 2019 के पहले वाले की नहीं होगी प्लेगरिज्म जांच

4 जनवरी 2020 को सिंडिकेट की बैठक में पीएचडी को लेकर भी सवाल उठा था। जिस पर अलग-अलग सदस्यों ने अपना विचार रखा था। जिस पर निर्णय हुआ कि 14 मार्च 2019 के पहले जिन शोधार्थियों ने पीएचडी से संबंधित थीसिस जमा किया है, उनका प्लेगरिज्म जांच नहीं होगा। साथ ही मार्च 2019 के बाद थीसिस जमा करने वाले शोधार्थियों की थीसिस प्लेगरिज्म से जांच करायी जाएगी।

कसा शिकंजा शोधार्थियों को पहले देना होगा सर्टिफिकेट कि विषय पर इससे पहले नहीं किया गया है शोध, विश्वविद्यालय में नकल जांच करने के लिए बनाया एेप

विवि प्रबंधन को लगातार शोधपत्र में नकल करने की मिल रही थी शिकायत

कम्प्यूटर सेंटर में होगी प्लेगरिज्म की जांच

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर सेंटर में प्लेगरिज्म की जांच होगी। प्लेगरिज्म एेप शोधार्थी के शोध के साहित्य दूसरे शोधार्थी के थीसिस से मिलते-जुलते की जांच कर रहेगा। पता लगाएगा कि कहीं दूसरे शोधार्थी की नकल है या नहीं। गौरतलब हो कि यूजीसी ने साहित्य चोरी को लेकर यह कदम उठाया है। इससे साहित्य चोरी करने वालों लोगों पर अंकुश लग जाएगा। शोध की गुणवता में निखार आएगा। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को थीसिस की जांच के लिए इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने का आदेश जारी किया है। यूजीसी के अनुसार थीसिस और शोध-पत्रों में अन्य थीसिस की सामग्री 30 फीसदी से ज्यादा नहीं होने की बात कही है। शोध में 70 प्रतिशत से अधिक नकल होगा तो उसको रिजेक्ट कर दिया जायेगा।

प्लेगरिज्म एेप आने से शोधार्थी के बीच मची हड़कंप

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में प्लेगरिज्म एेप आने से शोधार्थियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। नया नियम लागू होने से शोधार्थियों के बीच भय सा बन गया है कि यदि उनका शोध रिजेक्ट होने पर नए सिरे से रिचर्स करना पड़ जाएगा। कई शोधार्थी प्लेगरिज्म क्या है, इसकी जानकारी लेने के लिए विभागों का चक्कर काट रहे हैं। प्लेगरिज्म की जांच कराने के लिए क्या-क्या प्रक्रिया है। इसके बारें में पूछते हुए नजर आ रहे हैं।

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय।

वीकेएसयू में स्थाई प्रशाखा पदाधिकारी के नहीं होने की वजह से कार्यों पर पड़ रहा है प्रतिकूल असर, पर किसी को फिक्र नहीं

आरा| वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में दिन-प्रतिदिन कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से कार्य पर असर पड़ने लगा है। लेखा शाखा, संबंधन, विधि, परीक्षा सहित अन्य जगहोें पर स्थाई प्रशाखा पदाधिकारी भी नहीं है। कर्मचारियों से पूछने बताया कि लगभग आठ वर्षों से कर्मचारियों का स्थानांतरण विश्वविद्यालय के द्वारा नहीं किया गया है। कर्मचारियों का प्रोमोशन भी अब तक नहीं हुआ। शिक्षकों के प्रोमोशन से संबंधित संचिकाएं आगे बढ़ जा रही है। परन्तु कर्मचारियों के बारे में विश्वविद्यालय प्रबंधन मौन साधे हुए है। गौरतलब हो किसी भी विभाग में प्रशाखा पदाधिकारी की भूमिका अहम होती है। संचिका की जांच उपरांत पदाधिकारियों के पास अनुमोदन के लिए भेजने का कार्य प्रशाखा पदाधिकारी के द्वारा किया जाता है।

एमसीए विभाग में अभिभावकों की हुई बैठक

आरा| वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के एमसीए विभाग में छात्रों की 75 फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर अभिभावकों की बैठक बुलायी गई। शिक्षक डा. मो. अलीमुल हक ने बताया कि 75 प्रतिशत उपस्थिित को लेकर विश्वविद्यालय काफी सख्त है। जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होगी, उन्हें परीक्षा फार्म भरने नहीं भरने दिया जाएगा। विभाग में सुचारु रूप से पठन-पाठन और चुस्त-दुरूस्त व्यवस्था देखकर अभिभावकों ने खुशी जतायी। साथ ही अपने बच्चों को नियमित रूप से क्लास में भेजने में हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिया। अभिभावक अजीत ओझा, अशलम साह, गोपालजी मिश्रा व मालती सिंह ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि प्रत्येक माह अभिभावकों की बैठक बुलायी जाए। इससे बच्चोंे की गतिविधियों की जानकारी मिलती रहेगी। बैठक में शिक्षक डा. विनय कुमार मिश्र, शिक्षक डा.अनिल कुमार सिन्हा, डा.अश्विनी कुमार सिन्हा, राजेश कुमार महतो शामिल थे।

वीकेएसयू में नेता बनकर नहीं बल्कि शोधार्थी बनकर आया हूं : स्वास्थ्य मंत्री

एजुकेशन रिपोर्टर| आरा

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बुधवार को वीर कुंवर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय पीएचडी की थीसिस जमा करने के लिए पहुंचे। कैम्पस में अचानक स्वास्थ्य मंत्री के आने पर लोगों की भीड़ जमा हो गयी। स्वास्थ्य मंत्री कैम्पस में उतरे और सीधे विश्वामित्र भवन स्थित राजनीतिक विभाग में चलेगे। कुलपति प्रो देवी प्रसाद तिवारी को जैसे ही इस बात की भनक लगी। वे स्वयं राजनीतिक विभाग में पहुंचे। उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री को प्रशासनिक भवन लेकर गए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय परिसर में नेता बनकर नहीं आया हूं, बल्कि इस विश्वविद्यालय का छात्र बनकर आया हूं। गौतरतलब हो कि स्वास्थ्य मंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय के राजनीतिक, सामाजिक एवं अार्थिक चिंतन के स्वरूप पर एक विश्लेषात्मक अध्ययन कर रहे है। विभागाध्यक्ष डॉ अरूणकांत ने बताया कि पीएचडी का थिसिस जमा करने के लिए अब शोधार्थी को खुद ही आना होगा। इसके लिए नया नियम बनाया गया है। पहले शोधार्थी वाईवा के समय ही आते थे। परन्तु इस परिपाटी को अब बदल दिया गया है। मौके पर गाइड डॉ महेंद्र कुमार, दर्शनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ किस्मत कुमार सिंह सहित कई उपस्थित थे।

वीकेएसयू के अर्थशास्त्र विभाग में मनाया गया फेयरवेल पार्टी : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में सत्र 2017-19 के विद्यार्थियों ने फेयरवेल पार्टी मनाया। सत्र 2019-21 फ्रेशर ने भी पार्टी का जमकर लुत्फ उठाया। फेयरवेल पार्टी में में छात्राओं ने बलम पिचकारी जो तू ने मुझे मारी.... एवं तेरी आंखों का ये काजल..... सहित अन्य गानों पर ठुमके लगाए। विभागाध्यक्ष डॉ सत्यनारायण सिंह ने कहा कि विद्यार्थी जहां भी जाएं अपने अनुशासन को नहीं भुलाए। अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति का हर जगह सम्मान मिलता है। चाहे घर हो या समाज। पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि विभाग के विद्यार्थियों को सफलता को सीढ़ियों को चूमें। उन्होंने विद्यार्थियों को समय के महत्व के बारें में बताया। कहा कि जो व्यक्ति समय का कदर करता है। समय उसकी कदर करता है। प्रो अनवर इमाम ने विद्यार्थियोें को नेट की तैयारी करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नेट की तैयारी कर अाप लोग सफलता की बुलंदियों को छू सकते है।

1 फरवरी को जैन कॉलेज में 20 वां पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन : एचडी जैन कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र संघ बैठक गांधीनगर में हुई। अध्यक्षता पूर्ववर्ती छात्र संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानाचार्य प्रो पारसनाथ सिंह ने किया। बैठक में एक फरवरी को जैन कालेज सभागार में पूर्ववर्ती छात्र संघ का 20 वां सम्मेलन बनाने का निर्णय लिया गया।

पीएचडी की थीसिस जमा करने के लिए वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय पहुंचे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री

दूसरे दिन स्नातक पार्ट वन सत्र 2018-21 के सहायक विषय की परीक्षा हुई शांतिपूर्ण

आरा | स्नातक पार्ट वन सत्र 2018-21 के सहायक विषय की परीक्षा दूसरे दिन 43 केंद्र पर हुई। प्रथम पाली में राजनीतिक विज्ञान और दूसरी पाली में भौतिकी व एलएसडब्लू विषय की परीक्षा ली गयी। दूसरी तरफ जेनरल पाठ्यक्रम की परीक्षा भी एक केंद्र पर हुई। कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन को लेकर परीक्षार्थियों की गहन तलाशी ली गयी। इसके बाद ही उन्हें परीक्षा हॉल के भीरत इंट्री दी गई।



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