बिहटा.पिछले एक वर्ष से नेउरी गांव में तालाब की जमीन को लेकर चल रहा विवाद शनिवार की सुबह बवाल में तब्दील हो गया। करीब 8 बजे जैसे ही विवादित जमीन पर स्थित नेउरी ट्रेडर्स की दुकान पर दुकानदार अपने स्टाफ के साथ पहुंचा।नेउरी गांव के सैकड़ों लोग उसके पास पहुंच गए तथा तालाब की जमीन में मिट्टी भराई का विरोध करने लगे, जिस पर दुकानदार द्वारा आपत्ति जताने पर कहासुनी शुरू हो गई और बाद में यह विवाद आगजनी में तब्दील हो गया। एक-एक कर आधा दर्जन वाहनों में आग लगा दी गई। इसमें एक टाटा सफारी, एक मिनी जेसीबी, एक ट्रैक्टर, दो बाइक, एक ऑटो वैन शामिल हैं। दुकान में रखा सीमेंट व अन्य सामान भी स्वाहा हो गए। दुकान के मालिक महेश प्रसाद यादव, उसके बेटे व दुकान के कर्मी जान बचाकर भागे। हंगामा कर रहे लोगों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को वहां से खदेड़ा, जिसके बाद स्थिति नियंत्रित हुई। इस मामले में आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हालांकि किसी की गिरफ्तारी की फिलहाल पुष्टि नहीं कर रही है।
रोक के बाद भी मिट्टी भराई
विवादित जमीन पर सीओ सुनील कुमार वर्मा ने कोई काम कराने से फिलहाल रोक लगा रखी थी। सीओ ने बताया कि नेउरी मौजा के खाता संख्या-125, खेसरा संख्या-1263 में 2 एकड़ 18 डिसमिल जमीन पर आरा के शिव प्रसाद सिंह सैनिक सेटलमेंट में मिलने का दावा करते हैं। उनके द्वारा यह जमीन एक पक्ष को लीज पर दी गई है। उससे सीमेंट दुकानदार ने 10 कट्ठा जमीन लीज ली है। इस जमीन पर उसने मिट्टी भराई की शुरुआत की थी तो गांव के लोगों ने शिकायत की थी। इसको लेकर अतिक्रमण वाद संख्या 6-19/20 चलाया गया। इसमें गांव वालों का कहना था कि यह जमीन तालाब की है। इस विवाद को देखकर दुकानदार को काम करने से मना कर दिया गया था। साथ ही इस पर अगली कार्रवाई के लिए जमाबंदी रद्द करने के लिए न्यायालय को भेजा गया है।
दुकानदार ने 29 नामजद सहित सैकड़ों अज्ञात पर केस दर्ज कराई
नेउरी ट्रेडर्स के मालिक महेश यादव ने नेउरा ओपी में 29 नामजद व सैकड़ों अज्ञात पर केस दर्ज कराया है। आरोप लगाया है कि 100 से अधिक लोगों ने हथियार से लैस होकर हमला बोल दिया। इस दौरान 30 हजार रुपए लूट लिए। साथ ही उसके आधा दर्जन वाहनों के साथ दुकान में आग लगा दी। इसमें उसे करीब 50 लाख का नुकसान हुआ है।
ग्रामीणों ने सीओ और पुलिस पर पैसा लेने का लगाया आरोप
गांववालों का कहना था कि काफी समय से इसको लेकर विवाद चल रहा था। उनलोगों द्वारा कई बार शिकायत की गई लेकिन न पुलिस सुन रही थी और न ही सीओ ही ध्यान दे रहे थे। इससे स्पष्ट लग रहा था कि सीमेंट दुकानदार ने पैसा देकर उन्हें अपने वश में कर लिया हो।
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