विधायक अमिता भूषण ने जिले और विधानसभा क्षेत्र से जुड़े जनहित के कई मुद्दों को सदन के माध्यम से उठाया। मुख्य तौर पर विधायक ने बरौनी थर्मल के छाई डंपिंग के नाम पर सरकार द्वारा रामदीरी कसहा दियारा के किसानों की सैकड़ो एकड़ उपजाऊ जमीन को जबरन और अवैध तरीके से अधिग्रहित किये जाने को मामले को शून्यकाल के दौरान सदन में रखा। विधायक ने सदन में सरकार से पूछा कि आखिर जिस जमीन का सरकार ने वर्षों तक किसानों से लगान वसूला, कई बार जिस जमीन के हिस्से से किसानों को अधिग्रहण का मुआवजा दिया गया आखिर अब वो जमीन गैर मजरुआ कैसे हो गई। ज्ञात हो कि गैस और तेल पाइप लाइन बिछाने के दौरान कुछ किसानों को इसी जमीन का मुआवजा भी सरकार दे चुकी है। सदन से विधायक ने यह भी साझा किया कि जिस एनटीपीसी के बिल्कुल नजदीक सैकडों एकड़ जमीन जो बंजर हो चुकी है उसे जब किसान स्वेच्छा से देने को तैयार हैं तो फिर जिस उपजाऊ जमीन पर खेती होती है जिससे सैकड़ों किसानों के परिवार की आजीविका चलती है उसे सरकार बंजर क्यों बनाना चाहती है। सरकार को इसके आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणिक नुकसान की कोई परवाह क्यों नही है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि जिले के सैकड़ों किसानों के हित में सरकार अविलंब इस फैसले को वापस लेने पर गंभीरता पूर्वक विचार करे।



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