लॉकडाउन को लेकर पुलिस मुस्तैद है। इसके बावजूद कुछ लोग बेवजह सड़कों में घूमते नजर आए तो उनपर कार्रवाई भी की गई। लॉकडाउन तोड़ने वाले वाहन चालकों पर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान अबतक 204 वाहनों से 11 लाख 23 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया है। विभिन्न थाना क्षेत्रों में 57 मामले दर्ज किए गए हैं। डीडीसी सुनील कुमार ने बताया है कि कोरोना से प्रभावित गांवों में लगातार सेनेटाइज भी कराया जा रहा है। मंगलवार को भी नगर इंस्पेक्टर जयप्रकाश पंडित, यातायात प्रभारी मो. शहनवाज सहित अन्य के नेतृत्व में जगह-जगह सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया। शहर के बबुनिया मोड़, जेपी चौक, बड़हरिया मोड़, थाना रोड, स्टेशन रोड सहित अन्य जगहों पर वाहनों की जांच की गई। जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने घरों में रहने की हिदायत दी गई है। मेडिकल व खान पान के जरूरी सामान की खरीदारी के लिए घर से निकलने की छूट है।
अनावश्यक घर से बाहर निकलने वालों को मिली सजा
लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। शहर के सभी चौक- चौराहों पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में तैनात पुलिस अनावश्यक बाहर निकलने वालों पर सख्ती बरत रही है। कहीं पर लोगों को वापस कराया जा रहा है तो कहीं पर लोगों की पिटाई भी की जा रही है। कान भी पकड़ना पड़ रहा है तो कहीं पर लोग उठक- बैठक कर माफी मांग रहे हैं। शहर विभिन्न चौक- चौराहों का जायजा मंगलवार की दोपहर में लिया गया। शहर के बबुनिया मोड़ पर दोपहर 12.10 बजे स्टेशन रोड की तरफ से बबुनिया मोड़ पर एक चार पहिया वाहन आया। पुलिस ने उसे राेका। उसपर सवार लोगों ने बीमारी का बहाना बनाया। कहा कि वे अस्पताल जा रहे हैं। गाड़ी में चार लोगों के सवार होने पर पुलिस को संदेह हो गया। बारीकी से जांच की। इसमें पाया गया कि गाड़ी में सवार लोग झूठ बोल रहे हैं। वे बीमारी का बहाना बनाकर कहीं जाना चाह रहे हैं। बावजूद पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी और वापस कर दिया। बाद में गाड़ी में बैठे लोगों ने चीक टोली मोड़ से गली के सहारे जाने का प्रयास किया। वहां पर माेहल्ले के लोगों द्वारा बांस लगाए जाने के कारण वापस आना पड़ा।
सेनेटाइजिंग में अनियमितता का लगाया आरोप
मैरवा नगर पंचायत द्वारा नगर क्षेत्र में किए जा रहे सेनेटाइजिंग में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत पर सेनेटाईजिंग के नाम पर महज खानापूर्ति करने तो पूर्व वार्ड पार्षद कैसर इमाम ने बिना गुणवत्ता के पुराना केमिकल का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। नगर पंचायत द्वारा कोरोना महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए सेनेटाईजिंग हेतु लगभग चार लाख रुपए का केमिकल खरीदा गया है। खरीदे गए इस केमिकल के डब्बों पर ना तो उसका नाम है और ना ही उसकी इक्सपायरी डेट। दोनों को ही मिटा दिया गया है। हालांकि नगर पंचायत पुराने डब्बों में लीटर के भाव से टैंकर से केमिकल खरीदने की बात कह रहा है। पूर्व वार्ड पार्षद कैसर इमाम का कहना है कि संकट की इस घड़ी में सबकी सुरक्षा जरूरी है। इसके लिए हर जगह सेनेटाईज करने का काम किया जा रहा है। मैरवा नगर पंचायत द्वारा भी नगर क्षेत्र में सेनेटाईजिंग का काम किया जा रहा है। लेकिन नगर पंचायत द्वारा प्रयोग किया जा रहा केमिकल गुणवत्ता पूर्ण नहीं है। केमिलकल के डब्बे काफी पुराने हैं। इतना ही नहीं केमिकल के डब्बों पर केमिकल का लिखा नाम और इक्स पायरी डेट मिटा दिया गया है।
मास्क नहीं पहननेवालों को पंप से नहीं मिलेगा पेट्रोल
कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतू प्रभावी लॉकडाउन के दौरान यात्री वाहनों के परिचालन को नियंत्रित किया जाना है ताकि संक्रमण नहीं फैले। लॉकडाउन में पैसेन्जर वाहनों पर परिचालन पूर्णत: बंद है लेकिन कुछ लोग निजी वाहनों मोटर साइकिल, स्कूटी कार आदि द्वारा परिभ्रमण कर रहे हैं। इसमें निजी वाहनों को भी नियंत्रित किया जाना आवश्यक है। जिला परिवहन पदाधिकारी सह डीपीआरओ कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि इसको देखते हुए आदेश दिया गया है कि सरकारी वाहन एवं आपातकालीन सेवा में संलग्न वाहन को छोड़ निजी वाहन बिना किसी आपातकालीन कारण या सक्षम पदाधिकारी द्वारा निर्गत पास के नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि निजी वाहन से कार्यालय ,बैंक, अस्पताल या अन्य अनुमति प्राप्त संस्थान जाने के लए पास प्राप्त करना होगा। पास में प्रस्थान स्थल व गतव्य स्थल का स्पष्ट उल्लेख होगा। पास के पीछे लॉग बुक प्रिंट होना चाहिए। जिस पर जांच के समय पुलिस पदाधिकारी द्वारा स्थान तिथि एवं समय के साथ हस्ताक्षर किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि आवश्यक सेवा एवं पास प्राप्त दो पहिया वाहनों के अतिरिक्त मोटरसाइकिल या स्कूटी पर डबल राइड अनुमान्य नहीं है।
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