अामताैर पर मेडिसिन, सर्जरी अाैर हड्डी विभाग में जमीन पर भी नहीं मिलती थी जगह

सामान्य मरीजाें से अाेवरफ्लाे रहने वाला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों सन्नाटा है। अब यहां मरीजों की संख्या बहुत ही कम हो गईं हैं। यहां इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या सीधे घटकर करीब 250 पर आ गई हैं, जबकि यहां हमेशा 700 से 800 मरीज आते रहे हैं। काेराेना मरीजाें की संख्या बढ़ने की अाशंका पर अस्पताल प्रबंधन हल्की-फुल्की बीमारियाें के मरीजाें को छुट्टी देकर घर भेज दिया, तो वहीं कुछ मरीजाें ने अपनी मर्जी से छुट्टी करा अपने-अपने घर चल दिए। सिर्फ फॉलोअप के लिए ही अा रहे हैं।

गुरुवार और शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती मरीजों के दर्ज सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक गुरुवार काे 250 अाैर शुक्रवार काे 260 मरीज इंडाेर में भर्ती थे। बताया जाता है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के 20 वर्षाें के इतिहास में यह पहला माैका है, जब इतनी कम संख्या में इंडाेर में मरीज भर्ती किए गए हैं। अामताैर पर इंडाेर के कुछ प्रमुख विभागाें में जैसे मेडिसिन, सर्जरी अाैर हड्डी विभाग में जमीन पर भी मरीज काे लिटाने की जगह नहीं मिलती थी। पर इन दिनाें यहां भीड़ पूरी से तरह कम हाे गई है। इसे कोरोना का इफेक्ट कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि, लॉकडाउन के कारण अब लोग हल्की-फुल्की बीमारियाें का इलाज या तो अपने संपर्क के डॉक्टर से फोन पर ही सलाह लेकर मेडकिल स्टोर से दवा लेकर काम चला ले रहे हैं।

काेराेना संक्रमण के डर से मरीजाें काे दी गई छुट्टी ताे कुछ खुद ही छुट्टी लेकर चले गए


सदर अस्पताल में भी घट गई है मरीजों की संख्या और सर्जरी तो नहीं के बराबर हो रही

कमाेबेश यही हाल सदर अस्पताल के इंडाेर का भी है। यहां भी मरीजाें की संख्या कम हो गईं हैं। सर्जरी ताे नहीं के बराबर है। अधिकतर महिलाएं प्रसव के 24 घंटे पूरे हाेने से पहले ही अपने घर चली जा रही हैं। बताया जाता है कि दूर-दराज से प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल अानेवाली महिलाअाें काे अब अाशा कार्यकर्ता भी सदर या अन्य सरकारी अस्पताल लेकर कम जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्राें की दाई या घराें में ही प्रसव करा दिया जा रहा है। क्याेंकि लाॅकडाउन में काेई रिस्क लेकर घराें से बाहर जाना नहीं चाह रहा है।

कोरोना इफेक्ट

700 से 800 सामान्य मरीजाें से अाेवरफ्लाे रहने वाले जेएलएनएमसीएच में सन्नाटा

जाे गंभीर हैं उन्हें रखा गया है बाकी काे फॉलोअप के लिए बुला रहे

काेराेना संक्रमण काे लेकर इंडाेर काे इमरजेंसी के लिए तैयार रखा गया है। जाे गंभीर मरीज हैं, उन्हें ही रखा गया है। बाकी काे फाॅलाेअप के लिए बुलाया जा रहा है, कुछ मरीज खुद भी परहेज करते हुए घर चले गए हैं।
डाॅ. अारसी मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच



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Bhagalpur News - for the first time in 20 years only 260 patients are admitted to inder

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