कोरोना त्रासदी से उभरे वैश्विक संकट से अर्थव्यवस्था भी लुढ़कने लगी है। 26 दिनों से करोड़ों का व्यापार करने वाला औरंगाबाद जिला पूरी तरह से लड़खड़ा गया है। व्यवसायिक से लेकर दैनिक मजदूरी करने वाले फुटकर विक्रेता परेशान हैं। जहां हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट उत्पन्न हो गया है तो वहीं 300 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गई है। व्यपारियों की दिक्कत इतनी बढ़ गई है कि फिलहाल बिक्री बंद है और स्टाफ को वेतन, मकान किराया, बैंक ब्याज, खुद की गृहस्थी रिजर्व फंड से कब तक करेंगे। कोरोना ने जिले में सभी सेक्टरों को प्रभावित किया है।
विभिन्न सेक्टरों के एक्सपर्ट की मानें तो इन 25 दिनों में सिर्फ ऑटो मोबाइल, ज्वेलरी व कपड़ा व्यवसाय में 250 करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। इसके अलावे लॉक डाउन की घोषणा के बाद से व्यापारियों का उधारी भी फंस गया है। ऑटो मोबाइल तो पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। यदि तीन मई के बाद अब सरकार के द्वारा फिर से लॉक डाउन बढ़ाया जाता है तो इनके सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। खासकर मध्यमवर्गीय व छोटे दुकानदारों की हालत तो और भी दयनीय हो सकती है। क्योंकि इनमें से अधिकांश किराये पर दुकान लेकर अपना व्यवसाय संचालित कर रहे हैं। लॉक डाउन होने के कारण इनका दुकान तो बंद है। पर किराया देने की चिंता इनपर बनी हुई है। इससे वे परेशान व हैरान दिख रहे हैं।
मध्यमवर्गीय व छोटे दुकानदारों की हालत ज्यादा दयनीय
इस लॉक डाउन ने जिले के हजारों लोगों का रोजगार भी छीन लिया है। लॉक डाउन के बाद से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले ठेला व खोमचे वालों की दुकानें जहां बंद पड़ी है तो वहीं विभिन्न दुकानों में काम करने वाले कारीगर भी इस स्थिति में घर बैठे हैं। उनलोगों के पास कोई काम नहीं बचा है। काम नहीं रहने के कारण उन मजदूरों के सामने घर चलाना भी मुश्किल साबित हो रहा है। हालांकि सरकार व स्थानीय स्तर पर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन छोटे व्यवसाय करने वाले लोग अभी भी इससे वंचित हैं। खासकर वैसे व्यवसायी जो किराये पर दुकान लेकर अपना व्यवसाय करते हैं। उनके सामने तो किराया देने के लिए भी एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। क्योंकि उनका व्यवसाय पूरी तरह से ठप है।
कपड़ा के क्षेत्र में 50 से 60 व ऑटो मोबाइल के क्षेत्र में 100 से 120 करोड़ का नुकसान
लॉक डाउन के कारण 26 दिनों से जिले के व्यवसायिक प्रतिष्ठानें बंद पड़े हैं। अप्रैल माह में लग्न का समय था। लेकिन कोरोना वायरस के कारण शादियां भी टल गई है। हालांकि शादी विवाह को देखते हुए व्यवसायियों के द्वारा लॉक डाउन होने से पहले ही सामान के स्टॉक जुटा लिए गए थे तो वहीं ज्वेलरी क्षेत्र में गहना बनाने के लिए ऑर्डर भी लिए गए थे। लेकिन लॉक डाउन होने के कारण ये सभी कार्य बंद हो गए और व्यवसायियाें का व्यवसाय बूरी तरह प्रभावित हो गया। जिले के कपड़ा व्यवसाय मुकेश कुमार गुप्ता उर्फ लाल ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार इस लॉक डाउन की अवधी में सिर्फ कपड़ा के क्षेत्र में 50 से 60 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है तो वहीं व्यवसायी स्वर्ण कुमार सौरव ने बताया कि सिर्फ ऑटो मोबाइल के क्षेत्र में 100 से 120 करोड़ का व्यवसाय नुकसान के अनुमान है।
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