पूर्व मध्य रेल द्वारा पीपीई किट का निर्माण युद्धस्तर पर किया जा रहा है, जिसकी भारी कमी देश में होने के कारण चिकित्सकों समेत तमाम तरह के कोरोना योद्धाओं को दिक्कतों और खतरों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए यह बड़ी पहल मानी जा रही है। पूर्व मध्य रेल द्वारा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तेजी से पीपीई किट बनाए जा रहे हैं। पीडीडीयू रेल मंडल के डीएसटीई रत्नेश ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 200 पीपीई किट तैयार किए जा रहे हैं। इस प्रकार गुरूवार तक कुल 750 पीपीई किट तैयार किए जा चुके हैं।
पूर्व मध्य रेल द्वारा 31 मई 2020 तक कुल 30 हजार पीपपीई किट तैयार कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में दिन-रात कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कोचों को क्वारंटाइन /आइसोलेशन के रूप में भी बदला गया है। रत्नेश ने कहा कि कोरोना वायरस चूंकि संक्रामक बीमारी है रेलकर्मी इससे बचने के लिए मास्क पहन रहे है, बार-बार साबुन से हाथ धो रहे हैं।
कोरोना से जंग में डीडीयू रेल मंडल कई मोर्चे पर अग्रणी है: डीएसटीई
एक-दूसरे से दूरी बनाकर गुड्स ट्रेनों की परिचालन में अहम भूमिका निभाते हुए सामाजिक सरोकारों में भी बढ़चढ़ कर रेलवे हिस्सा ले रहा है, ताकि कोई इस त्रासदी के दौर में भूखा नहीं रहे। लॉकडाउन के दौरान पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन तो बंद है परंतु कोरोना से जंग में पूर्व मध्य रेल के डीडीयू रेल मंडल पहले मोर्चे पर खड़ी है। यह कहना है पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के डीएसटीई रत्नेश का। उन्होंने कहा कि देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए गुड्स ट्रेनों के परिचालन की बात करें या फिर असहाय और बेबस लोगों की सेवा भाव की, तो इन सब में डीडीयू रेल पहले मोर्चे पर खड़ी है। डीएसटीई आज शेरा नामक स्पेशल ट्रेन से अधिकारियों के एक दल के साथ डेहरी स्टेशन पहुंचे थे और गुड्स ट्रेनों की परिचालन से जुड़े सभी विभागों के कर्मचारियों से गुफ्तगू की। संरक्षित संचालन के लिए सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर स्टेशन प्रबंधक राजीव कमल, सीनियर सेक्शन इंजीनियरिंग नरेंद्र प्रताप, एससी शर्मा, पवन कुमार, वीरेंद्र प्रसाद, वीके यादव उपस्थित थे।
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