कोरोना की महामारी से निजात व विश्व कल्याण के लिए पिपरासी प्रखंड के बहरिस्थान गांव के देवी स्थान परिसर में 12 घंटे के गायत्री मंत्र जाप की शुरुआत सोमवार को हुई। गांव के कुछ समाजसेवी आपसी सहयोग से यह जाप करा रहे हैं। इन समाजसेवियों का मानना है कि मां गायत्री के जप से वर्तमान में चल रहे वैश्विक बीमारी कोरोना से बचने में निर्णायक सहायता मिलेगी। साथ ही इस आपदा के समय भी जो लोग कुत्सित राजनीति व आर्थिक लाभ पाने की दृष्टि रखते हैं, उन लोगों को सदबुद्धि प्रदान करने की कामना माता गायत्री से की गई।
वेदमाता के
रूप में समादृत हैं माता गायत्री
मंत्र जाप के आचार्य मदन पांडेय ने कहा कि माता गायत्री वेदमाता के रूप में समादृत हैं। गायत्री की उपासना सभी पापों का नाश करने वाली, आध्यात्मिक व भौतिक सुखों को प्रदान करने वाली मानी गई है। गायत्री की साधना में गायत्री मंत्र का महत्व है। इस मंत्र के 24 अक्षरों में 24 देवी-देवताओं के स्मरण के बीज निहित हैं। ये बीजाक्षर वेद व धर्मशास्त्र में बताए अद्भुत ज्ञान का आधार भी हैं। वेदों में गायत्री मंत्र जप से आयु, प्राण, प्रजा, पशु, कीर्ति, धन व ब्रह्मचर्य के रूप में मिलने वाले सात फलों का वर्णन है।
सोशल डिस्टेंसिंग का किया गया पालन | आचार्य ने कहा कि बहरी माई देवी स्थान सैकड़ाें वर्ष पुराना है। जब भी कोई दैविक प्रकोप आता है तो माता इस क्षेत्र के लोगों की रक्षा करती हैं। मंत्र जाप कर रहे आचार्य मुन्ना पांडेय, पवन तिवारी, राघवेन्द्र दुबे व मंदिर के पुजारी रोहित दास ने बताया कि इस पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जा रहा है। किसी भी भक्त को अंदर आने का आदेश नही है।



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गायत्री मंत्र के जाप के समय उपस्थित लोग।

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