लॉकडाउन में मजदूरों के घर वापसी हेतु रेल यात्रा में हो रही तकलीफों में सहायता व सहयोग प्रदान करने के लिए गुजरात के सूरत में खैरा प्रखंड के टिहिया निवासी निवास सिंह, फरिश्ता बनकर सामने आया। समस्त बिहार झारखंड समाज ट्रस्ट से जुड़कर निवास में जमुई जिले ही नहीं वरन बिहार झारखंड के सैकड़ों प्रवासियों को उनके घर वापसी में मदद की।
चाहे उन्हें यात्रा के दौरान भोजन की समस्या हो रही हो या रेलवे टिकट के किराया या फिर टिकट की समस्या, सब का समाधान निवास ने किया। जब हर इंसान सरकार के घर में रहने के आदेश व कोरोना के डर से घरों में कैद था,निवासी संस्था व अपनी टीम के साथ अपने जान को जोखिम में डालकर इस विपरीत परिस्थिति में गरीबों के लिए संसाधन जुटाने और राहत पहुंचाने में जी जान से लगा है।अचानक आई यह विपदा बहुत भारी है। आम लोगों के जीवन पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। एक तरफ कोरोना के कहर से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है तो वहीं दूसरी और गरीबों और मजबूरी के अभिशाप से लोग परेशान हैं। कोरोना काल में प्रवासी श्रमिकों को घर जाने की मजबूरी। निवास की पूरी टीम बिहार झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव भेजने में लगी है। रेल टिकट के लिए प्रवासियों को किसी तरह की भागदौड़ नहीं करना पड़े, इसका ध्यान रखा जाता है। निवास ने बताया कि पहले वापस जाने वाले प्रवासियों की सूची तैयार करते हैं। उसके बाद स्थानीय प्रशासन से मदद लेकर उन सभी का टिकट कंफर्म किया जाता है।



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Niwas team transporting trapped migrants to the village

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