राज्य में अधिकाधिक लोगों को रोजगार मिले, बाहर से आने वाले बिहारी स्वयं का उद्याेग-रोजगार स्थापित करें, इस रणनीति पर बिहार सरकार काम कर रही है। उद्योग विभाग ने इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाईहै। इसके तहत कुशल कामगार स्वयं सहायता समूह बनाकर अपना उद्याेग लगा सकते हैं। सरकार उनकी हैंडहोल्डिंग का कार्य करेगी। सभी तरह की मदद देगी।

उद्योग मंत्री श्याम रजक ने भी कहा कि उद्योग विभाग द्वारा राज्य के कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना बनाई गई है। योजना के तहत सरकार सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) की स्थापना के साथ भवन का सृदृढ़ीकरण और कार्यशील पूंजी के लिए 10 लाख रुपए तक की राशि उपलब्ध कराएगी। यह योजना स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सिद्धांत पर काम करेगा। यह याेजना जल्द शुरू हाेगी।

सहायता लेने के लिए एक साल का प्रशिक्षण जरूरी
मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना के एक समूह में कम से कम 10 कुशल श्रमिक होंगे, जो एक तरह के उत्पादन और सर्विस सेक्टर का काम करेंगे। योजना का लाभ वैसे कुशल श्रमिकों को मिलेगा जिनके पास कार्य विशेष में प्रशिक्षण और कम से कम एक साल का अनुभव हो। आने वाले दिनों में इस तरह के समूह काे मदद के लिए एक सरकारी उपक्रम (पीएसयू) से जोड़ने की कोशिश की जाएगी।

हर जिले में 2 सीएफसी के गठन का रखा लक्ष्य
कुशल कामगारों के हैंडहोल्डिंग के लिए वर्ष 2020-21 में प्रत्येक जिला में कम से कम दो सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) स्थापित करने की योजना है। इसके लिए जीएम डीआईसी को किश्तों में राशि दी जाएगी। इसके लिए 4 करोड़ रुपए की राशि का बजटीय प्रावधान किया गया है।लोन बैंकों से प्रधानमंत्री एमएसएमई योजना के तहत दिए जाएंगे। इसकी गारंटी भारत सरकार की होगी। लोन किश्तों में चुकाएंगे।

चयन के लिए डीएम की अध्यक्षता में बनेगी समिति
योजना की स्वीकृति, संचालन, पर्यवेक्षण और अनुश्रवण के लिए प्रत्येक जिला में डीएम की अध्यक्षता में में जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। जीएम डीआईसी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति समूह के लोगों की योग्यता और दक्षता के अनुरूप उद्योग व सर्विस सेक्टर का चयन कर, एक विस्तृत डीपीअार बनवाएंगे। समिति डीपीआर को पारित करेगी और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक योजना को कार्यान्वित करेंगे।

प्रवासियों की हो रही है स्किल मैपिंग

राज्य सरकार कोरोना महामारी के कारण दूसरे राज्यों से आए बिहार के लोगों की स्किल मैपिंग करवा रही है। नोडल विभाग के रूप में इसकी जिम्मेदारी उद्योग विभाग को दी गई है। उद्योग विभाग ने अभी तक 77 हजार से अधिक लोगों की स्किल मैपिंग कराई है। विभाग उनके स्किल के अनुसार उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाने में मदद कर रहा है।

ग्राम परिवहन योजना में प्रवासी भी शामिल

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी डीटीओ और एसडीओ को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की पात्रता रखने वाले प्रवासियों का भी चयन किया जाए। जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में ऑटो या अन्य वाहन चला कर अपना जीवन यापन कर रहे थे, उन्हें इस योजना के तहत रोजगार मिलेगा। ये वाहन मालिक बन सकेंगे।



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योजना का लाभ वैसे कुशल श्रमिकों को मिलेगा जिनके पास कार्य विशेष में प्रशिक्षण और कम से कम एक साल का अनुभव हो।

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