भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। मंगलवार को दो युवकों का रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही प्रखंड में हड़कंप मच गया है। यहां भी प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही बरती गई थी। दिल्ली के रेडजोन से आए उन दोनों पॉजिटिव मरीजों को चार दिन क्वारेंटाइन कर घर भेज दिया गया था। जैसे ही उनका रिपोर्ट पॉजिटिव आया प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में उन दोनों को घर से लाकर दोबारा क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
36 में दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आया है
पॉजिटिव रिपोर्ट आने की सूचना मिलते ही बीडीओ अमरजीत कुमार एवं सीओ नंद किशोर निराला ने क्वारेंटाइन सेंटर एलएन कालेज भगवानपुर पहुंच दोनों युवकों का ट्रेवलिंग इतिहास खंगालने मे जुट गए है। बताते चलें कि बीते रविवार को रेडजोन से आए कुल 36 श्रमिकों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। उनमें दो युवकों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। दोनों युवकों को बीते 23 मई को क्वारेंटाइन किया गया था। एक युवक दिल्ली नागलोई से आया था, जबकि दूसरा युवक अहमदाबाद से ट्रेन से आया था।
दूसरे क्वारेंटाइन सेंटर में कागजी स्थनांतरण किया गया
दोनों युवकों को चार दिन बाद ही क्वारेंटाइन सेंटर से छोड़ दिया गया था। बीते रविवार को दोनों युवक को घर से एलएन कालेज भगवानपुर क्वारेंटाइन सेंटर में बुलाकर उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जैसे ही दोनों युवकों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया, अफसरों में हड़कंप मच गया एवं आनन फानन में दोनों को घर बुलाकर एलएन कॉलेज भगवानपुर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली से आए युवक को एलएन कॉलेज भगवानपुर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था लेकिन चार दिन बाद ही युवक को छोड़ दिया गया था। इसी प्रकार अहमदाबाद से आए दूसरे युवक को मध्य विद्यालय रहसा क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। चार दिन बाद ही उक्त सेंटर को बंद कर दूसरे क्वारेंटाइन सेंटर में कागजी स्थनांतरण कर दिया गया, लेकिन उक्त सेंटर पर रहे सभी प्रवासियों को अपने घर भेज दिया गया था।
प्रशासनिकलापरवाही का खामियाजा भुगतेंगे गांव के लोग
प्रखंड क्षेत्र के जन प्रतिनिधि व सोशल वर्करों ने बीडीओ, सीओ को आरोपित करते हुए कहा कि देश के रेड जोन से आने के बाद भी लोकल प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया। क्वारेंटाइन सेंटर बंद कर प्रवासी मजदूरों को घर भेज दिया गया था लेकिन दिखावे के लिए क्वारेंटाइन सेंटर पर प्रवासियों की संख्या कम देखते हुए दूसरे सेंटर पर शिफ्ट करने की कागजी खानापूर्ति की गई। यदि दोनों श्रमिक पॉजिटिव नहीं आते तो प्रशासन की कारगुजारी की पोल नहीं खुलती। क्वारेंटाइन सेंटर से घर भेज दिए जाने पर दोनों मजदूरों ने खुद को बीमारी से मुक्त समझ लिया। घर, पड़ोस के लोगों ने भी यही समझा कि दोनों में कोरोना न होने पर घर आने दिया गया। वे दोनों टोले-पड़ोस के लोगों से मिलते-जुलते रहे। अब प्रशासनिक स्तर पर बरती गई लापरवाही का खामियाजा टोला-मुहल्ला व गांव के लोग भुगतेंगे।
बीडीओ एवं सीओ ने यह कहा
पॉजिटिव आए दोनों युवकों के गांव को सील किया जा रहा है। दोनों युवक अलग-अलग गांव के हैं। दोनों युवकों के गांवों को सील करने की प्रक्रिया की जा रही है। पुलिस तैनात रहेगी। बीडीओ अमरजीत कुमार ने बताया कि दोनों दोनों युवकों के घर जाकर ट्रैवल हिस्ट्री एवं किन-किन लोगों से इस दौरान मिला है, इसका पता लगाया जा रहा है। दोनों युवकों को कोरोना एंबुलेंस से हाजीपुर भेजा गया है।
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