बिना मान्यता प्राप्त कॉलेजों से पास लगभग 45 हजार छात्राओं को भी स्नातक प्रोत्साहन योजना का लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। कैबिनेट से अनुमति लेने के बाद इन छात्राओं के खाते में 25-25 हजार रुपए भेजे जाएंगे। मगध विवि सहित राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों ने बिना संबद्धता लिए ही विद्यार्थियों से परीक्षा दिला दी। बाद में मामला हाईकोर्ट में गया। कोर्ट ने कहा कि जब परीक्षा ली गई है, तो रिजल्ट भी जारी दें। इस निर्णय को देखते हुए ही शिक्षा विभाग ने स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को इस योजना का लाभ देने का प्रस्ताव दिया है।
स्नातक पास हर छात्रा के खाते में मुख्यालय से सीधे 25 हजार रुपए भेजे जाते हैं। इस साल 2020-21 में योजना के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान है। 2019-20 में भी 200 करोड़ इस मद में थे। 2018-19 में 300 करोड़ का प्रावधान था। इधर राजभवन और शिक्षा विभाग ने विवि और कॉलेज कार्यालय खोल कर छात्राओं के सर्टिफिकेट जांच का आदेश दिया है।

पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन
योजना शुरू होने के बाद से अब तक 78656 छात्राओं के खाते में 196.64 करोड़ भेजे जा चुके हैं। योजना के लिए शिक्षा विभाग 15 जुलाई 2019 से ऑनलाइन आवेदन ले रहा है। 25 अप्रैल 2018 के बाद स्नातक पास छात्राएं पोर्टल ekalyan.bih.nic.in पर आवेदन कर सकती हैं। आवेदन जांच में विवि को बताना होता है कि छात्रा ने उनके विवि के किस कॉलेज से पढ़ाई की है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद राशि भेजी जाती है।

योजना का लाभ सभी को
सामान्य, व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रम के साथ ही इंदिरा गांधी खुला विवि और नालंदा ओपन विश्वविद्यालय सहित पत्राचार पाठ्यक्रम से स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को भी 25-25 हजार रुपए देने का प्रावधान किया गया है। अरबी फारसी विवि से आलिम और संस्कृत विवि व संस्थानों से शास्त्री की डिग्री लने वाली छात्राएं भी इन योजनाओं में शामिल की गई हैं।



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45000 girl students will also get 25-25 thousand rupees from accredited colleges.

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