लॉकडाउन का असर सबसे अधिक भवन निर्माण सामग्री पर पड़ा है। मकान निर्माण के काम में आने वाली सामग्री में लॉकडाउन के पहले और बाद की कीमतों में भारी अंतर आया है। लॉकडाउन के पहले मकान निर्माण शुरू करने वाले लोग लॉकडाउन के बाद फिर से निर्माण कार्य शुरू करने से कतरा रहे हैं। जिन लोगों ने पहले मकान निर्माण का कार्य शुरू किया था उनमें से अधिकांश का काम लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी ठप है। चाहे ईंट हो या बालू, सरिया हो या सीमेंट सभी की कीमतों में भारी उछाल आया है। हालांकि, अब जरूरी सामग्री की किल्लत बाजार में नहीं है।
बावजूद दुकानदार बालू व सीमेंट की गाड़ी नहीं आने का बहाना बनाकर लोगों से मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। जो बालू लॉकडाउन से पहले 65 सौ रुपए सौ सीएफटी मिल रहा था, वही अभी 75 सौ रुपए में दे रहा है। सीमेंट की कीमत प्रति बोरी 40 से 50 रुपये तक बढ़ा है। यही कारण है कि जिले को मिले लक्ष्य के अनुसार अब तक पीएम आवास योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है। जिले के 23116 लाभुकों को पहली किस्त तो 5510 लाभुकों को द्वितीय किस्त की राशि भी दे दी गई है। लेकिन महंगाई के कारण मात्र 1255 लाभुकों ने ही आवास निर्माण का काम पूरा किया है। मालूम हो कि जिले को 38293 आवास योजना का लक्ष्य दिया गया था। जिसे मार्च 2020 में ही पूरा करना था।

कीमत घटने पर अधूरे मकान का निर्माण कार्य करेंगे पूरा
पीएम योजना के तहत हटवरिया में आवास का निर्माण करा रहे योगनारायण मंडल ने बताया कि अभी निर्माण कार्य शुरू करने की हिम्मत नहीं है। कीमत में भारी उछाल है। कीमत घटने पर ही वह अधूरे मकान का निर्माण कार्य पूरा करेंगे। निर्मली निवासी जानकी देवी ने बताया कि मार्च महीने में ही दूसरी किस्त की राशि मिल गई है। तब तक लॉकडाउन लग गया। इसके कारण मकान सामग्री नहीं मंगा सके। अब जब लॉकडाउन हटा तो सामग्री के कीमतों में काफी उछाल है। ऐसे में कैसे निर्माण कराएंगे। बिपत कुमार ने बताया कि आठ दिन पहले दूसरी किस्त की राशि मिली है। लेकिन जब सामग्री के लिए बाजार गए तो होश उड़ गए। सभी सामग्रियों में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। बिना सामग्री खरीदे ही घर वापस आ गए। अब कीमत घटने के बाद ही निर्माण काम शुरू करेंगे। हरिलाल साह ने बताया कि जो बालू 65 सौ रुपए सौ सीएफटी था वह अब 75 सौ रुपए सौ सीएफटी मिल रहा है।

भवन निर्माण सामग्रियों की कीमत में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी
मकान निर्माण की सबसे बुनियादी ईंट की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है। ईंट की कीमत पहले के मुकाबले 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। पहले जहां 1000 ईंट की कीमत 9 हजार तक थी, वही अब यह कीमत बढ़ कर 11,000 रुपए हो गई है। इसी तरह सरिया की कीमत में 5 फीसदी प्रति किलो का इजाफा हुआ है पहले जहां कीमत 4700 रुपए प्रति क्विंटल थे वहीं अब यह बढ़कर 4900 प्रति क्विंटल हो गई है। इसी तरह छर्री की कीमत में 800 रुपए प्रति 100 सीएफटी जबकि सीमेंट की कीमत में 50 रुपए प्रति बोरी का इजाफा हुआ है।

महंगाई को लेकर दुकानदारों से की जाएगी बात, तेज होगा निर्माण कार्य
महंगाई बढ़ने के कारण आवास निर्माण कार्य धीमी हुई है, इसकी जानकारी मिली भी है। इसके लिए जिला स्तर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।सभी दुकानदारों से बात करके सही रेट तय होगा। ताकि पीएम आवास निर्माण काम में तेजी आए। इसके लिए जिला स्तर पर प्रयासरत हैं।
- मुकेश कुमार सिन्हा, डीडीसी



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पिपरा प्रखंड के हटवरिया में अधूरा पीएम आवास योजना का घर।

Post a Comment