राष्ट्रपति रामनाथ कोविड के पत्र के आलोक में राजभवन सचिवालय ने सूबे के सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को सत्र 2020-21 मेंं विश्वविद्यालय में नया विकास कार्य शुरू नहीं करने को लेकर निर्देश जारी किया है। यह निर्णय कोविड-19 के संक्रमण काल को देखते हुए लिया गया है। अब नए सत्र में विकास कार्य पर पाबंदी लग जाएगी। हालांकि पहले से चल रही योजनाएं यथावत रहेगी। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो देवी प्रसाद तिवारी को राजभवन सचिवालय के अतिरिक्ति सचिव राम अनुग्रह नारायण सिंह ने विगत 4 जून को पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी दी।

बताया कि 19 मई को राष्ट्रपति द्वारा जारी निर्देश के आलोक में यह निर्णय लिया गया है। नए सत्र में किसी भी निर्माण कार्य को तो अंजाम नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही मरम्मती कार्य पर कम से कम राशि खर्च करने का निर्देश जारी किया गया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में बिजली खपत पर होने वाले खर्च में बचत, वाहन एवं अन्य उपकरण की खरीदारी भी नहीं करने को लेकर निर्देश जारी हुआ है। कुलसचिव श्यामानंद झा ने बताया कि विश्वविद्यालय अंतर्गत बीएड, एमबीए व बीसीए जैसी वित्त पोषित संस्थानों में विकास कार्य बाधित नहीं होगी।
आयोग ने हटाए गए कर्मी को किया तलब

वीकेएसयू अंतर्गत स्ववित्त पोषित संस्थान शिक्षा (बीएड) विभाग से कार्यमुक्त होने पर कर्मियों द्वारा बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का दरवाजा खटखटाना अब महंगा पड़ने लगा है। बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने सेवामुक्त कर्मी शहला प्रवीण से स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने विवि द्वारा दिए गए जवाब के आलोक में कर्मी से तलब किया है। विवि प्रबंधन ने शहला पर बिना बताये कार्यालय से गायब रहने, ड्यूटी पर नियमित नहीं आने सहित अन्य आरोप लगाया है। आयोग के समक्ष विवि ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि कर्मी अप्लसंख्यक होने के नाते तथ्यों को तोड़मरोड़ कर आयोग के सामने रखा गया है।



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