जच्चा-बच्चा की मौत पर भड़के परिजनों ने चौक को चार घंटे जाम रखा। मोहनिया रोड स्थित पांच नंबर वार्ड के एक निजी क्लिनिक में ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद हालत बिगड़ने पर बच्चे को डॉक्टर ने वाराणसी रेफर कर दिया था। वाराणसी के अस्पताल में दो दिनों के बाद बच्चे की मौत हो गई थी। इधर कोचस में इलाजरत उसकी मां ने भी तीसरे दिन दम तोड़ दिया।
महिला धनजी चौहान की 24 वर्षीया पत्नी सीमा देवी बहटुटिया वार्ड 2 की रहने वाली थी। मृतका के पति ने बताया कि प्रसव कराने के लिए हमलोग पुराना थाना के निकट एक अस्पताल में महिला चिकित्सक के पास गए, वहां पूरे दिन रहने बाद नॉर्मल डिलेवरी नहीं हुई। उसने ऑपरेशन कर बच्चा निकालने की सलाह दी। मोहनिया रोड में निजी अस्पताल में लेकर गई।
तीन जून को अस्पताल में चिकित्सक से ऑपरेशन कराया। ऑपरेशन के फौरन बाद नवजात की तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे डॉक्टर ने वाराणसी रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसके शव को कोचस लेकर पहुंचा तो तीसरे दिन पत्नी का भी लापरवाही से इलाज करने की वजह मौत हो गयी।
मृतका के ससुर रामेश्वर चौहान ने बताया कि बहू की तबीयत ऑपरेशन के बाद से ही बिगड़ रही थी। तीन दिन तक रेफर करने को कहा तो डॉक्टर ने कहा महिला ठीक है। परिजनों ने लापरवाही बरतने वाले निजी क्लिनिक के डॉक्टर सहित महिला चिकित्सक पर जल्द कार्रवाई करने को लेकर सड़क जाम कर जिलाधिकारी व सिविल सर्जन काे बुलाने की मांग कर रहे थे। स्थिति गंभीर होती देख मौके पर चार थानों की पुलिस बुलाई गई।
जाम की सूचना पर करगहर थानाध्यक्ष सुशांत कुमार मंडल व कोचस थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार सिंह के साथ विधि व्यवस्था प्रभारी सत्यकिशोर सिंह व परसथुआ व दिनारा की भी पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई के आश्वासन पर मनाया। वहीं जाम में शामिल उपद्रवियों को पुलिस ने अंतत: खदेड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिया।
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