भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार में वर्चुअल रैली की। सुबह 11 बजे राजद नेताओं ने थाली पीटकर रैली का विरोध किया था। अमित शाह ने अपने भाषण में राजद नेताओं द्वारा थाली पीटने का जिक्र किया, लेकिन 42 मिनट के भाषण में एक बार भी तेजस्वी यादव का नाम नहीं लिया। इसकी जगह उन्होंने वक्रदृष्टा कहा। शाह ने कहा कि राजद के लोग आज थाली पीट रहे थे। मुझे अच्छा लगा। ये लोग कोरोना की जंग में एकजुटता के लिए नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए थाली पीटने के आह्वान का विरोध कर रहे थे। देर-सवेर थाली पीटकर इनलोगों ने प्रधानमंत्री की अपील को माना।
किसने रोका था दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह वर्चुअल रैली करने से
अमित शाह ने कहा कि मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर नरेंद्र मोदी की अपील को राजद ने माना और कोरोना के खिलाफ थाली बजाकर जंग में जुड़ गए। कुछ लोगों ने वर्चुअल रैली को बिहार की चुनावी सभा कहा। मैं ऐसे सभी वक्रदृष्टा लोगों को कहना चाहता हूं कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। जो वक्रदृष्टा लोग इसमें भी राजनीति देख रहे हैं मैं उनसे पूछता हूं कि किसने रोका है आपको दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह पटना से दरभंगा तक एक वर्चुअल रैली ही कर लेते।
आज वक्रदृष्टा लोगों, परिवारवादी लोगों से कहना चाहता हूं कि जरा आपना चेहरा आईने में देख लीजिए। जब 1990-2005 तक आपकी सरकार थी 3.19 फीसदी बिहार का विकास दर था। नीतीश के नेतृत्व में 11.3 प्रतिशत तक पहुंचाने का काम एनडीए की सरकार ने किया। बजट का आकार 23800 करोड़ रुपए छोड़कर गए थे एनडीए ने 211761 करोड़ तक बजट पहुंचाया।
हम लालटेन युग से एलईडी युग तक आए हैं। लूट एण्ड ऑर्डर से लॉ एण्ड ऑर्डर तक की यात्रा की है। लाठी राज से कानून राज तक आए हैं। जंगल राज से जनता राज तक पहुंचे हैं। बाहू बल से विकास बल तक पहुंचे हैं और चारा घोटाले से डीबीडी तक की यात्रा की है। बिहार में चुनाव है। मुझे भरोसा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी।
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